रायपुर. छत्तीसगढ़ में बिजली महंगी हो गयी है. विधानसभा सत्र के चौथे दिन छत्तीसगढ़ विद्युत शुल्क संशोधन विधेयक 2022 सदन में पास किया गया. टैरिफ आदेश में जारी सूचना के मुताबिक ऊर्जा प्रभारों की दरों में बढ़ोत्तरी की गयी है, जिसमें आम घरेलू उपभोक्ताओं से लेकर गैर घरेलू और उद्योगों के भी ऊर्जा प्रभार की दरें बढ़ायी गयी हैं.
नये टैरिफ में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 3 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गयी है और इस तरह 11 प्रतिशत ऊर्जा प्रभार आम उपभोक्ताओं के बिजली बिल में जुड़कर आयेगा.
विधेयक पर चर्चा के दौरान पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि विद्युत शुल्क में बढ़ोत्तरी कर सरकार अपनी जेब भरने जा रही है. इसके पहले गौठनों के सेस, कोरोना सेस शराब पर सेस लगाकर लुटा गया है, जिसके जवाब में सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि बिजली दरों को 10 साल बाद अनुपातिकरण किया जा रहा है. इससे पहले 2012 में अनुपातिकरण किया गया था, जब बीजेपी की ही सरकार थी. इसकी राशि राज्य के संचित निधि में ही जायेगा, जो शुल्क लगाया गया है वो सेस या उपकर नहीं है.
जानें क्या होगा असर?
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि इस तरह हुई ऊर्जा प्रभार में वृद्धि-घरेलू उपभोक्ताओं के लिए ऊर्जा प्रभार 8% प्रतिशत से बढ़ाकर 11% किया गया,3% की बढ़ोत्तरी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए की गयी. गैर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 12% प्रतिशत से बढ़ाकर 17% किया गया,सीमेंट उद्योग में 15% से बढ़ाकर 21% किया गया, 25 हॉर्सपावर तक के एल टी उद्योगों के लिए 3% से बढ़ाकर 4% किया गया, मिनी स्टील प्लांट और फेरो एलॉयज इकाईयों के लिए 6% से बढ़ाकर 8% प्रतिशत किया गया,आटा चक्की, आईल, थ्रेसर, एक्सपेलर के लिए 3% से बढ़ाकर 4% किया गया,कोयला और ईंधन की दरों में वृद्धि के चलते ऊर्जा प्रभार में बढोत्तरी की जा रही है. बहरहाल ये तो तय है कि बिजली बिल को लेकर उपभोक्ताओं की जेब पर असर पड़ने वाला है.