आजादी के अमृत महोत्सव और महाविद्यालय के “स्वर्ण जयंती वर्ष ” के अवसर पर महाविद्यालय में पौधारोपण कर कारगिल के अमर शहीदों को नमन किया गया। कार्यक्रम में विशेष तौर पर एनसीसी छात्र-सैनिकों ने कारगिल विजय दिवस पर नारा लगाते हुए वीर शहीदों को श्रंद्धाजलि देकर नमन किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय की संस्था प्रमुख डॉ. सोनिता सत्संगी ने कहा कि कारगिल विजय पर हमारे जाबांज सैनिकों ने अपनी अदम्य साहस, दृढ़संकल्प व कर्तव्यपरायणता की मिसाल दी है। सीमा पर तैनात हमारे जांबाज सैनिकों ने सदैव देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को चाकचौबंद व सशक्त बनाकर रखे हुए हैं ।जिसकी बदौलत हम सब आजादी के साथ निवास कर रहे है। प्राचार्य ने महाविद्यालय के समस्त स्टाफ को कारगिल विजय पर शहीद हुए वीर सैनिकों से प्रेरणा लेने की बात कही। साथ ही एन. सी.सी. छात्र सैनिकों ने अनुशासित ढंग से अपनी कर्तव्य का निर्वहन करने पर भूरी-भूरी प्रसंशा की।
महाविद्यालय के एन.सी.सी. अधिकारी कैप्टन दुष्यंत कुमार ध्रुवा ने बताया कि भारत और पाकिस्तानी सेनाओं के बीच 1999 में कारगिल युद्ध हुआ था। जिसमें हमारे देश के वीर सैनिकों ने पाकिस्तानियों को भारत के कब्जे किए हुए क्षेत्रों को छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया। कारगिल विजय दिवस भारतीय इतिहास का अविस्मरणीय दिवस माना जाता है। आजादी के अमृत महोत्सव में वीर जवानों को याद करना एक सुखद अनुभूति मन में उत्पन्न करता है।
महाविद्यालय के नैक प्रभारी डॉ. गोवर्धन यदु ने बताया कि कारगिल विजय भारत के अमर शहीदों के अदम्य साहस, पराक्रम और कर्तव्य निष्ठा का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है।
26 जुलाई 1999 के दिन भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन विजय की सफलता के परिणामस्वरूप कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। जम्मू कश्मीर के कारगिल में पाकिस्तानी सेनाओं द्वारा भारतीय जमीन पर कब्जा कर लिया गया था। जिसे एक चरवाहे ने देख लिया था उनकी इस खबर से भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध की घोषणा की थी। 26 जुलाई का दिन उन शहीदों को याद कर अपने श्रद्धा सुमन अर्पण करने का जो हंसते-हंसते मातृभूमि की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। भारत के वीर सपूत कैप्टन विक्रम बत्रा, अनुज ना़यर, सौरभ कालिया लेफ्टिनेंट मनोज पांडेय और अन्य वीर सपूतों के बलिदानों को भारत कभी भी नहीं भुला सकता।
एन .सी.सी .के सीनियर अंडर आफिसर टुकेश यादव ने बताया कि यह दिन समर्पित है उन्हें जिन्होंने अपना आज, हमारे कल के लिए बलिदान कर दिया।
कार्यक्रम में एनसीसी, एनएसएस और महाविद्यालय के अन्य छात्र छात्राओं के साथ साथ महाविद्यालय के स्टाफ प्रो. एम. एल. वर्मा, डॉ.समीक्षा चंद्राकर, प्रो. चित्रा खोटे , प्रो. राजेश बघेल, प्रो.भानुप्रताप नायक, प्रो.आकाश बाघमारे, डॉ. देवेन्द्र देवांगन, प्रो. मुकेश कुर्रे आदि प्राध्यापकगण उपस्थित थे।