भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रेम प्रकाश पांडेय ने फेसबुक लाइव पोस्ट कर राज्य सरकार पर साधा निशाना । पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने सरकार पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार को बिजली बिल में छूट देने में भेदभाव कर रही है। भिलाई शहर में टाउनशिप के बिजली उपभोक्ताओं को बिजली बिल छूट का लाभ नहीं मिल पाता।
प्रेम प्रकाश पांडेय ने 28 जुलाई को पोस्ट में भिलाई टाउनशिप को बिजली हाफ योजना का लाभ न दिए जाने का मुद्दा उठाया। कहा कि बिजली बिल दर को लेकर शर्त तय करना मुख्यमंत्री के हाथ में था। फिर ऐसी शर्त क्यों रखी गई कि भिलाई टाउनशिप कि जनता को बिजली बिल में छूट का लाभ न मिले। उनका यह व्यवहार भिलाई टाउनशिप कि जनता के साथ सौतेला व्यवहार नहीं है तो क्या है?
सबसे बड़ा सवाल क्या भारत का संविधान इस प्रकार का भेदभाव वाला शर्त लगाने की इजाजत देता है। जवाब है नहीं। राज्य के सभी घरेलू विद्युत उपभोक्ता राज्य शासन के लिए एक समान हैं। मुख्यमंत्री ने इसे लेकर विधानसभा में अपना जवाब दिया है, लेकिन उसमें यह नहीं बताया गया कि बिजली बिल में छूट की योजना में लगाई गए शर्त अनुच्छेद 14 का उल्लंघन नहीं है।
चुनावी घोषणा पत्र में लाभ न देना लिखना था
पाण्डेय ने कहा कि यदि कांग्रेस पार्टी को भिलाई टाउनशिप के विद्युत उपभोक्ताओं को छूट का लाभ नहीं देना था तो चुनावी घोषणापत्र में यह स्पष्ट लिख देना चाहिए था। लिख देते कि बिजली बिल हाफ योजना भिलाई टाउनशिप में लागू नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है कि सीएसपीडीसीएल को सिस्टम हैंडओवर किए जाने से टाउनशिप में विद्युत दर सीधा-सीधा 30 प्रतिशत बढ़ जाएगा।
दिल्ली में बिजली दर की छूट का दिया उदाहरण
प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने बिजली बिल की दरों में छूट को लेकर भेदभाव न किए जाने को लेकर दिल्ली का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में चार लाइसेंस कंपनी पॉवर सप्लाई करती हैं। इसमें Tata Power Delhi Distribution Limited, BSES Yamuna Power Limited, BSES Rajdhani Power Limited और New Delhi Municipal Council शामिल हैं। दिल्ली सरकार बिना किसी भेदभाव के चारों लाइसेन्सी के घरेलू उपभोक्ताओं को 200 यूनिट तक फ्री बिजली दे रही है। यदि वहां ऐसा है तो फिर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा भिलाई टाउनशिप की जनता के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है।