रायपुर। बता दे कि छत्तीसगढ़ के 13 लोगों को जम्मु कश्मीर में बंधक बनाया गया है। ये बंधक लोग छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा और रायगढ़ जिले के रहने वाले है। बताया जा रहा है कि इन्हें मजदूर दलाल ईंट भट्ठे में काम कराने के बहाने से ले गया था।
उसने बंधकों से यह वादा किया था कि अधिक पैसे दिए जाएंगे। लेकिन अब ना तो इन्हें मजदूरी दी जा रही है, और ना ही कहीं बाहर निकलने दिया जा रहा है। इनमें से एक बच्चे की तबीयत भी बिगड़ गई है। मगर इसके बावजूद भी कोई वहां पर ध्यान नहीं दे रहे है।
इन मजदूरों ने एक वीडियो संदेश के जरिए मदद की गुहार लगाई है। जिन मजदूरों को बंधक बनाया गया है। उनमें जांजगीर जिले के जैजैपुर थाना क्षेत्र के जर्वे गांव और मालखरौदा के लोग शामिल हैं। वहीं, रायगढ़ के खरसिया के लोग भी इन 13 लोगों में शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार, जैजैपुर निवासी उमेंद्र नारंगे 19 मई को इन मजदूरों को अपने साथ ले गया था। इनसे वादा किया गया था कि काम करने के बाद हर महीने अच्छे पैसे मिलेंगे, मगर अब ऐसा नहीं हो रहा। इतना ही नहीं इन्हें डराया धमकाया जा रहा है।
बाहर तक नहीं जाने दिया जाता
वीडियो संदेश में इन मजदूरों ने बताया कि हमें पैसा का लालच देकर लाया गया, मगर पैसे नहीं दिए जा रहे हैं। दूसरी बात एक बच्चे की तबीयत बिगड़ गई है, पर ये लोग मदद ही नहीं कर रहे। ऊपर से डराते धमकाते हैं। सीसीटीवी कैमरे से हमारी निगरानी की जा रही है। हमें बाहर तक नहीं जाने दिया जाता है। हमें बड़गांव थाना के डांगरपुरा, गांव में रखा है। ईंट भट्ठे के ठेकेदार कौन है, यह भी हमें नहीं पता है। बस अब हम चाहते हैं किसी तरह से यहां से हमें छुड़ा लिया जाए। यहां हम लोग काफी परेशान हैं। हमारे साथ मारपीट भी की जाती है।
इन बंधकों में मनीष कुमार पंकज, संजना पंकज, चैतराम पकंज, अद्दनबाई पंकज, आयुष पकंज, गजेंद्र जांगड़े, राजकुमारी जांगड़े, सोनू कुमार जांगड़े, मोनू कुमार जांगड़े, सोनिया कुमारी जांगड़े, रामेश्वर बंजारे, दिव्या बंजारे, शिव बंजारे शामिल हैं। इनमें से कुछ बच्चे और महिलाएं हैं, जो अपने पति और पिता के साथ गए थे।