मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने रविवार को अपने निवास कार्यालय में आयोजित सम्मान समारोह कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं पत्रकार श्री लीलाधर मंडलोई को वसुंधरा सम्मान से सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक साल साहित्य एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को इस सम्मान से सम्मानित किया जाता है। मंडलोई जी ने साहित्य एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है। जब मैं पढ़ाई करता था तब मंडलोई जी को रेडियो में बहुत सुनता था। रायपुर आकाशवाणी से प्रसारित उनका कार्यक्रम हम सभी सुनते थे।
उल्लेखनीय है कि वसुंधरा सम्मान स्वर्गीय देवी प्रसाद चौबे की स्मृति में प्रदान किया जाता है। मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय देवी प्रसाद चौबे को याद करते हुए कहा कि वे ग्रामीण पत्रकारिता के पुरोधा थे। उन्होंने समाज सुधार के क्षेत्र में बहुत कार्य किया। वे बलि प्रथा के घोर विरोधी थे। उन्होंने अपने गांव के मंदिर में भी बलि प्रथा बंद करा दी थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विचारों में दृढ़ता होनी चाहिए। विचारों की असहमति इस देश की परंपरा रही है। असहमति के सम्मान की भावना इस देश के कण-कण में है। हमारा देश वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना मानने वाला है। हम सभी को संकीर्णता से बचना चाहिए।
स्वर्गीय श्री देवी प्रसाद चौबे की 46वीं पुण्यतिथि पर आयोजित वसुंधरा सम्मान का यह निरंतर 22वां आयोजन है। इस सम्मान के अंतर्गत श्री मंडलोई को प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह तथा सम्मान निधि प्रदान की गई। कार्यक्रम का आयोजन संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़ शासन लोक जागरण की मासिक पत्रिका कृति वसुंधरा एवं श्री चतुर्भुज मेमोरियल फाउंडेशन के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम में कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, पद्मश्री भारती बन्धु, पद्मश्री श्री मदन चौहान, वरिष्ठ साहित्यकार श्री विष्णु नागर एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।