न्यामुद्दीन अली,अनुपपुर। अनूपपुर कांग्रेस में अंदरूनी कलह और पार्टी में चल रही खींचतान एक बार फिर जगजाहिर हो गया है. जिला अध्यक्ष चयन को लेकर हुई बैठक में निर्वाचन अधिकारी के रूप में दिल्ली से आए इरशाद हुसैन की मौजूदगी में कांग्रेसी कार्यकर्ता आपस में भीड़ गए. आलम ये रहा कि विवाद को बढ़ता देख पुलिस को बीच-बचाव में आना पड़ा. जिसके बाद संगठन के पदाधिकरियों को सफाई देना पड़ा.
अनूपपुर जिला कांग्रेस कमेटी के द्वारा नए जिलाध्यक्ष के चयन को लेकर कबायद की जा रही थी. जिसको लेकर 20 अगस्त को संगठन की बैठक आयोजित की गई थी. इस बैठक में जिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में दिल्ली से इरशाद हुसैन आए हुए थे. साथ ही मंच पर कोतमा विधायक सुनील सराफ, पुष्पराजगढ़ विधायक फुन्देलाल सिंह, प्रदेश सचिव प्रेम कुमार त्रिपाठी, प्रदेश महासचिव रमेश सिंह सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे. पदाधिकारियों की उपस्थिति में ही कांग्रेसी कार्यकर्ता बैठक के दौरान ही उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर कराने को लेकर आपस में एक बार नहीं बल्कि दो बार भीड़ पड़े. आलम ये रहा कि विवाद को बढ़ता देख पुलिस को बीच-बचाव में आना पड़ा.
जिला अध्यक्ष के चयन के लिए आयोजित बैठक के दौरान पूर्व जिला अध्यक्ष और विधायक में बैठक के दौरान ही उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर कराने के लिए जैसे ही रजिस्टर पूर्व जिला अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल के पास पहुंचा, तो उन्होंने कार्यवाहक जिला अध्यक्ष फुन्देलाल सिंह से सवाल किया कि खाली रजिस्टर में हस्ताक्षर क्यों कराए जा रहे हैं. जिसके बाद दोनों के समर्थक आपस में बहस करने लगे. विवाद को बढ़ता देख पुलिस को बीच-बचाव में आना पड़ा. जिसके बाद संगठन के पदाधिकरियों को सफाई देना पड़ा.
इस मामले में कांग्रेस कमेटी के पूर्व जिला अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल का कहना है कि खाली रजिस्टर पर हस्ताक्षर कराए जा रहे थे. जिसका मैंने विरोध किया, उसके बाद वह लोग विवाद करना शुरू कर दिया. इस पूरे मामले में कांग्रेस जिला अध्यक्ष (पुष्पराजगढ़ विधायक) फुन्दे लाल सिंह का कहना है कि किसी प्रकार का कोई भी विवाद नहीं हुआ है.