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छत्तीसगढ़ में रोजगार से जुड़े चौकाने वाले खुलासे, चपरासी के 91 पदों के लिए 2 लाख से ज्यादा आवेदन…CMIE ने बताया बेरोजगारी दर…

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छत्तीसगढ़ में रोजगार से जुड़े दो आंकड़े सामने आए हैं। दोनों ही चौंकाने वाले हैं। अर्थव्यवस्था से जुड़े एक थिंक टैंक सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी- CMIE का दावा है कि अगस्त महीने में छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर 0.4% रही। यानी तकनीकी रूप से काेई भी बेरोजगार नहीं है। इसी बीच सामने आया है कि चपरासी के 91 पदों के लिए छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग-CGPSC की परीक्षा में सवा दो लाख आवेदन आए हैं।

यह परीक्षा 25 सितम्बर को प्रदेश भर के जिला मुख्यालयों पर आयोजित की जानी है। हालांकि यह पहली बार है जब लोक सेवा आयोग की परीक्षा के जरिए प्यून की भर्ती की जा रही है। बताया जा रहा है, केवल आठवीं पास योग्यता वाली इस परीक्षा के लिए बड़ी एकेडमिक और तकनीकी डिग्री वाले युवा भी फॉर्म भर चुके हैं। इसको बेरोजगारी का परिणाम बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि यह बताता है, बड़ी संख्या में शिक्षित बेरोजगार किसी भी नौकरी का इंतजार कर रहे हैं। उनको लगता है कि चपरासी का पद भी मिल गया तो उनकी बेरोजगारी दूर हो जाएगी। हालांकि इसमें एक तथ्य यह भी है कि ये आवेदन करने वालों में बड़ी संख्या उनकी भी है, जो अभी दूसरे पदों के लिए प्रतियोगी परीक्षाएं दे रहे हैं। ऐसे लोगों का मानना है कि यदि वे प्यून बन गए तो परीक्षा देने की आयु सीमा, सरकारी नौकरी होने के कारण बढ़ जाएगी और वे फिर ज्यादा बार बड़े पदों के लिए प्रयास कर सकेंगे।

इस बीच सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी- CMIE ने अगस्त महीने के बेरोजगारी के आंकड़े जारी किए हैं। इसमें कहा गया है, अगस्त महीने में छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर 0.4% रही। इसका सामान्य से मतलब है कि काम करने योग्य प्रत्येक 100 में से एक व्यक्ति भी बेरोजगार नहीं है। छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर देश में सबसे कम है। नए आंकड़ों में राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 8.3% बताई गई है। इसी संस्था ने जुलाई का जो आंकड़ा जारी किया था, उसमें प्रदेश की बेरोजगारी दर 0.8% और मार्च-अप्रैल में 0.6% तक थी।



हरियाणा में सबसे अधिक बेरोजगारी

CMIE की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा 37.3% की बेरोजगार दर के साथ सबसे खराब स्थिति में हैं। उसके बाद जम्मू-कश्मीर 32% और राजस्थान 31% का नंबर आता है। झारखंड में 17.3 और त्रिपुरा में 16.3% लोग बेरोजगार हैं। वहीं गोवा और बिहार भी रोजगार के मामले में पिछड़े हुए हैं।

पड़ोसी राज्यों में ऐसी स्थिति

छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्यों में सबसे अच्छी स्थिति महाराष्ट्र की है। वहां बेरोजगारी दर 2.2% ही है। मध्य प्रदेश और ओडिशा में यह 2.6% तक है। वहीं उत्तर प्रदेश में 3.9% और आंध्र प्रदेश में 6 व तेलंगाना में 6.9% तक है। पड़ोस में सबसे अधिक बेरोजगारी दर झारखंड में है।

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