केन्द्रीय मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिण तमिलनाडु से लेकर कर्नाटक, मध्य महाराष्ट्र होते हुए मध्य प्रदेश तक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इन दोनों मौसमी सिस्टम के प्रभाव से हिमालय से सटे राज्यों के अलावा समीपवर्ती राज्यों में अगले चार दिनों तक कहीं हल्की तो कहीं भारी बारिश हो सकती है।
मौसम केन्द्र नई दिल्ली के मुताबिक सितंबर के दूसरे सप्ताह से ही सामान्य से कहीं अधिक बारिश होने का पूर्वानुमान जताया है। इसमें उत्तर प्रदेश, पश्चिमी दक्षिणी हिस्सा, मध्यप्रदेश, उत्तरी व पूर्वी हिस्सा और राजस्थान पूर्वी व के हिस्सों में कहीं-कहीं भारी बारिश से अतिभारी बारिश हो सकती है।
स्काई मेट वेदर मौसम एजेंसी के मुताबिक, मॉनसून ट्रफ अपनी सामान्य स्थिति के उत्तर में चल रही है और अमृतसर, अंबाला, बरेली, गोरखपुर, दरभंगा, बालुरघाट और फिर पूर्व की ओर उत्तरी बांग्लादेश और असम से होते हुए नागालैंड की ओर जा रही है। केरल तट के पास दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। एक ट्रफ रेखा दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर बने चक्रवाती परिसंचरण से लेकर आंतरिक तमिलनाडु होते हुए दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है।
अगले 24 घंटों के दौरान, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, उत्तरी बिहार, लक्षद्वीप के कुछ हिस्सों और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में मध्यम बारिश के साथ कहीं कहीं भारी बारिश होने की संभावना है।
पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों और केरल में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक या दो स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।
उत्तर छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार के शेष हिस्सों, उत्तराखंड, शेष मध्य प्रदेश, कर्नाटक, कोंकण और गोवा और मध्य महाराष्ट्र में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।
हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु और तेलंगाना में हल्की बारिश संभव है।