अक्सर लोग खुशी हो या फिर गम जाम छलकाना बिल्कुल भी नहीं भूलते। इस दौरान महफिल में मौजूद सभी लोग ड्रिंक करने से पहले जाम से जाम टकराकर एक साथ ‘चीयर्स’ कहते हैं, लेकिन क्या आपको पता है ऐसा क्यों कहा जाता है। हालांकि, इस परंपरा के पीछे धार्मिक से लेकर वैज्ञानिक मायने होने तक के दावे किए जाते हैं। ये सुन कर आपको हैरानी होगी कि जाम टकराने से शराब की कुछ बूंदे जब बाहर छलकती है तो इससे अतृप्त आत्माओं को सुकून मिलता है। इसी धारणा के चलते शराब पीने से पहले कुछ लोग कुछ बूंदे इधर-उधर छिड़कते जरूर हैं।
यहां से लिया गया चीयर्स शब्द
जानकारी के अनुसार, जर्मनी में तो यह धारणा है कि शोर करते हुए शराब के गिलास टकराने से जश्न के माहौल में मौजूद बुरी आत्माएं दूर चली जाती हैं। वहीं, प्राचीन ग्रीस की मान्यताओं के मुताबिक, खुशी के माहौल में जाम को नीचे से ऊपर की ओर उठाना इसका मतलब है आपमें उसे ईश्वर को समर्पित करने का भाव है। चीयर्स शब्द ‘Chiere’ से निकला है, यह एक फ्रांसीसी शब्द है। इसका अर्थ होता है ‘चेहरा या सिर’। पुराने समय में टीयर्स बोलना उत्सुकता और प्रोत्साहन का प्रतीक था। चीयर्स अपनी खुशी को जाहिर करने और जश्न मनाने का शानदार तरीका है। इसका मतलब है कि अच्छा समय अब शुरू हो चुका है।
शराब पीते समय केवल 4 इंद्रियां ही करती हैं काम
शराब पीते समय हमारी केवल चार इंद्रिया ही काम करती है। हम जैसे आंखो द्वारा ड्रिंक को देखते हैं, पीते वक्त जीभ से इसका स्वाद महसूस करते हैं, नाक से ड्रिंक की अरोमा या खुशबू का एहसास करते हैं। ड्रिंक करने की इस पूरी प्रक्रिया में सिर्फ एक इंद्रि का इस्तेमाल नहीं होता और वह है कान। इसी कमी को पूरा करने के लिए चीयर्स कहा जाता है और कानों के आनंद के लिए जाम से जाम टकराए जाते हैं। माना जाता है कि इस तरह ड्रिंक करने से पांच इंद्रियों का यूज होता है और शराब पीने का एहसास और भी ज्यादा खुशनुमा हो जाता है।