Home छत्तीसगढ़ किसान नेता तेजराम विद्रोही हुए कोंडागांव में सम्मानित…

किसान नेता तेजराम विद्रोही हुए कोंडागांव में सम्मानित…

81
0

ककसाड़ पत्रिका के नियमित प्रकाशन का आठ साल पूरा होने के अवसर पर पत्रिका के संपादक, अखिल भारतीय किसान महासंघ (आईफा) के राष्ट्रीय संयोजक तथा “मां दंतेश्वरी हर्बल समूह” के संस्थापक डॉ राजाराम त्रिपाठी ने छत्तीसगढ़ के किसान नेता बेलटुकरी राजिम निवासी तथा छत्तीसगढ़ में किसान महापंचायत आयोजन समिति के संयोजक तेजराम विद्रोही का उनके कोंडागांव प्रवास पर साल ओढ़ाकर एवं श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया। डॉ त्रिपाठी ने तेजराम विद्रोही की प्रशंसा करते हुए कहा कि तेजराम विद्रोही एक बेहद ही जुझारू किसान नेता हैं। विवादास्पद तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में साल भर तक चले आंदोलन में छत्तीसगढ़ की ओर से भाग लेने वाले गिने-चुने किसान नेताओं में तेजराम विद्रोही जी का नाम प्रमुखता से शामिल रहा है। ऐसे किसान नेता हमारे प्रदेश की अनमोल धरोहर हैं। आज मां दंतेश्वरी की धरती पर उनका सम्मान करके हम सबको बड़ा हर्ष हो रहा है। डॉ राजाराम त्रिपाठी ने कहा कि यह सितम्बर महीना कई मायनों में महत्वपूर्ण है। ककसाड़ के लिए यह महीना इसलिए महत्वपूर्ण कि इसी महीने ककसाड़ का विधिवत जन्म हुआ था या यूं कहें कि इसको लेकर काफी समय से चल रही योजनाओं परिकल्पनाओं ने साकार रूप लिया था। मतलब यह कि इस महीने ककसाड़ अपने अनवरत प्रकाशन की संघर्ष यात्रा के आठवें वार्षिक पड़ाव पर पहुंच गया है। इन आठ वर्षों में ककसाड़ के बाह्य कलेवर में , पत्रिका के रचनाओं के स्तर में तथा विषयों की विविधता में कई महत्वपूर्ण सकारात्मक परिवर्तन हुए, परन्तु पत्रिका का लक्ष्य तथा मूल स्वर सदैव अपरिवर्तित रहा और जनजातीय सरोकारों पर केंद्रित रहा। डॉ त्रिपाठी ने आगे कहा कि सितम्बर का यह महीना इसलिए और मत्वपूर्ण है कि 28 सितम्बर 2021 को छत्तीसगढ़ के राजिम में शहीदे आजम भगतसिंह के जयंती और छत्तीसगढ़ के मजदूर नेता शंकर गुहा नियोगी के शहादत दिवस के अवसर पर किसान नेता तेजराम विद्रोही के अथक परिश्रम से सफल किसान महापंचायत का आयोजन राजिम में सम्पन्न हुआ। कोंडागांव और राजिम का एक महत्वपूर्ण संबंध यह रहा कि विवादित तीन कृषि कानूनों के मसौदे का समीक्षा व मूल्यांकन मैंने किया और तेजराम विद्रोही ने राजिम क्षेत्र से छत्तीसगढ़ में आंदोलन की शुरुआत की जो दिल्ली के किसान आंदोलन के साथ जुड़ गया। तेजराम विद्रोही का किसानों की हित को लेकर जारी आन्दोलन और व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया है और ऐसे ही ऊर्जावान निः स्वार्थ व्यक्ति ही समाज मे बदलाव लाता है उनके इस प्रतिबद्धता का हम सम्मान कर रहे हैं।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के जुझारू किसान नेता तेजराम विद्रोही के नेतृत्व में प्रगतिशील किसानों तथा कृषि छात्रों का छोटा सा एक दल “मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म तथा रिसर्च सेंटर” के भ्रमण हेतु 17 सितम्बर की शाम बस्तर के कोंडागांव पहुंचा। 19 सितम्बर को इस दल ने मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म तथा रिसर्च सेंटर का विधिवत भ्रमण तथा निरीक्षण किया। इन्होंने 60-70 फीट की ऊंचाई तक काली मिर्च से लदे हुए ऑस्ट्रेलियन टीक के पेड़ों को देखा और उसकी उपज का भी मौके पर ही व्यावहारिक आकलन भी किया।
यहां पर ऑस्ट्रेलियन टीक और काली मिर्च के बीच-बीच में अंतर्वर्ती फसल के रूप में सफलतापूर्वक की जा रही सफेद मूसली, हल्दी ,स्टीविया आदि औषधीय पौधों की खेती का भी निरीक्षण किया और प्रसन्नता व्यक्त की। तेजराम विद्रोही जी ने कहा की इस अनूठी “बहुस्तरीय जैविक खेती पद्धति” से निश्चित रूप से किसान अपनी आमदनी को कई गुना तक बढ़ा सकता है उन्होंने आगे कहा कि जल्द ही वह भी अपने खेतों पर इस पद्धति को अपनाएंगे।
सार्वजनिक सम्मान कार्यक्रम में सभी अतिथियों को जनजातीय चेतना कला संस्कृति साहित्य की दिल्ली से प्रकाशित होने वाली मासिक पत्रिका ‘ककसाड़’ का नवीनतम सितंबर अंक सादर भेंट की गई। कार्यक्रम में तेजराम विद्रोही, श्री मदन साहू तथा छात्र उपेन्द्र कुमार, आयुष कुमार के साथ ही मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के निदेशक अनुराग त्रिपाठी, जसमति नेताम अध्यक्ष समाज सेवी संस्थान संपदा, कृष्ण कुमार पटेरिया, बलाई चक्रवर्ती, रमेश पंडा, कृष्णा नेताम आदि सभी साथी सक्रिय रूप से उपस्थित रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here