छत्तीसगढ़ में सितम्बर का आखिरी महीना भी भिगो रहा है। रायपुर में पिछले तीन दिनों से बरसात जारी है। बीते 24 घंटों में यहां 65 मिलीमीटर तक पानी गिर चुका है। सितम्बर के आखिरी सप्ताह में ऐसी बरसात कभी-कभी ही हुई है। मौसम विभाग का कहना है कि शुक्रवार के बाद से मौसम खुलने की उम्मीद है। एक-दो अक्टूबर तक सरगुजा, बिलासपुर और रायपुर संभाग का मौसम सूखा हो जाएगा।
राजधानी रायपुर में गुरुवार को अलग-अलग इलाकोंं में रुक-रुक कर बरसात हुई। इससे पहले बुधवार को गरज-चमक के साथ दिन भर बरसात होती रही। रात में भी तेज गरज के साथ बरसात हुई है। मौसम विभाग केंद्र ने 28 अक्टूबर की सुबह 8.30 बजे तक 65 मिलीमीटर बरसात रिकॉर्ड किया है। वहीं रायपुर कलेक्ट्रेट में लगे वर्षामापी में 38.2 मिलीमीटर दर्ज हुआ। लाभांडी में कृषि विश्वविद्यालय के पास 26 मिमी वर्षा रिकॉर्ड हुई और माना में 32.2 मिमी पानी गिरा है। रायपुर में सबसे कम वर्षा तिल्दा में दर्ज हुई है।
रायपुर में सितम्बर महीने की सबसे अधिक वर्षा का रिकॉर्ड 196.2 मिलीमीटर का है। यह 19 सितम्बर 1980 को रिकॉर्ड हुआ था। पिछले 10 सालों में 25 सितम्बर के बाद 60 मिमी से अधिक बरसात केवल दो बार दर्ज हुई है। 2019 में 26 सितम्बर को 69.3 मिमी बरसात हुई थी। वहीं 2016 में 30 सितम्बर को 72.5 मिमी बरसात का रिकॉर्ड है। बताया जा रहा है, रायपुर में अभी एक-दो दिन छिटपुट बरसात होती रहेगी।
लोहंडीगुड़ा और तोकापाल में भी भारी बरसात
रायपुर जिले में कई स्थानों पर बिजली गिरने की भी सूचना है। हालांकि जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं आई है। बस्तर के लोहंडीगुड़ा और तोकापाल में भारी बरसात हुई है। तोकापाल में 98 मिमी बरसात हुई है, वहीं लोहंडीगुड़ा में 65.3 मिमी पानी गिरा है। वहीं दुर्ग, राजनांदगांव, फरसगांव, नारायणपुर, चारामा, कुरूद, राजिम और बालोद में भी ठीक-ठाक बरसात हुई है।
इस सिस्टम से हो रही है बरसात
रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी एच.पी. चंद्रा ने बताया, एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी-तटीय आंध्र प्रदेश के ऊपर स्थित है; तथा यह 1.5 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। इसके प्रभाव से प्रदेश में 29 सितंबर को कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ वज्रपात होने की भी संभावना बन रही है।
कल से बदलेगा मौसम, 4 अक्टूबर से फिर बरसात
मौसम विज्ञानी एच.पी. चंद्रा ने बताया, बिलासपुर और सरगुजा संभाग में मध्य प्रदेश से लगी सीमा पर बारिश की संभावना खत्म हो रही है। एक-दो अक्टूबर तक पूरा उत्तर और मध्य मैदानी क्षेत्र ड्राई होने की संभावना है। इसमें दुर्ग संभाग का इलाका भी प्रभावित होगा। कहीं-कहीं हल्की बरसात हो सकती है। लेकिन इस दौरान मौसम सामान्य तौर पर सूखा रहेगा। तीन अक्टूबर से फिर से बादल आएंगे। चार अक्टूबर से छह अक्टूबर तक पूरे प्रदेश में बरसात का एक और दौर होगा। उसके बाद बरसाती गतिविधियां कम होती चली जाएंगी।
अगले दो दिनों में कुछ पीछे हटेगा मानसून
मौसम विज्ञानियों का कहना है, मानसून की विदाई का क्षेत्र आगे बढ़ने के लिए स्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं। अगले 2 से 3 दिनों में राजस्थान तथा उससे लगे राज्यों के कुछ भाग से मानसून की विदाई हो सकती है। मौसम विभाग ने 20 सितम्बर को ही राजस्थान-पाकिस्तान सीमा क्षेत्र से मानसून के पीछे हटने की सूचना दी थी।