नवापारा राजिम:- स्थानीय नवापारा सहित ग्रामीण अंचल में मंगलवार महानवमी को धूमधाम व उत्साह के साथ दुर्गा प्रतिमाओ का विसर्जन हुआ. नगर के शीतलापारा स्थित शीतला तालाब में सुबह 10 बजे से देर शाम तक दुर्गा मां जगत जननी शेरावाली को आज नगर वासियों ने नम्र आंखों से विदाई दी । माँ को अंतिम विदाई देने नगर के दोनों मुख्य सड़कों पर दुर्गा माता की विदाई करने वालों भक्तों की भारी भीड़ दिखाई दी। पुलिस प्रशासन के द्वारा लगातार भीड़ को नियंत्रित किया जा रहा था।
साथ ही नगर के मुख्य चौक चौराहों पर भक्त जनों के द्वारा माता की विदाई में जा रहे सभी श्रद्धालु जनों के लिए पेयजल, खीर, हलवा व खिचड़ी की व्यवस्था की गई थी। जिसमे उल्लेखनीय रूप से श्री पावनधाम सेवा समिति, ज्योति टेलर्स, भाषाणी बंधु व रजक परिवार का सहयोग सरहानीय रहा. नगरवासियो ने इस सभी की खुले दिल से सराहना की. इन सभी के बीच काली मंदिर के पास क्षेत्रीय विधायक धनेन्द्र साहू के गरिमामयी उपस्थिति में नगरपालिका अध्यक्ष धनराज मध्यानी और पार्षद गणों के द्वारा फूलों के द्वारा भक्तों का स्वागत किया जा रहा था।
वही क्षेत्रीय विधायक स्वयं भी श्रीफल अर्पित कर माता को नम आँखों से अंतिम विदाई दे रहे थे. इस विसर्जन में नगर के अंदर विराजमान लगभग सभी देवी प्रतिमाओ का विसर्जन संपन्न हो गया था. नगर के विभिन्न वार्डो के भक्त अपनी श्रद्धा अनुसार माता को विदाई देने लगे हुए थे ।
इस विदाई यात्रा में सेवा जसगीत की भारी धूम देखने को मिली. शारद मोर शक्ति माँ, कंकालीन मोर माता, कौन नगर से निकले देवी कालिका और कब तो लोहा बांधे जैसे शक्ति गीत पर नाच गा रहे थे. इन शक्ति गीतों में झूमते कई भक्त अपने गाल, जीभ, कान व शरीर भर में में सॉन्ग लिए हुए थे तो कुछ केश खुले कर झूप रहे थे।कुछ भक्त अपने छाती, गालों और दोनों हाथों पर छोटे-छोटे सॉन्ग लिए हुए थे। बालक अपने सिर पर जलती हुई कलश एवं बालिकाएं अपने सिर पल टोकरी मे जावरा को लेकर क्रमबद्ध चल रहे थे।
मोहल्ले के बच्चे ,बूढ़े और महिलाएं भी माता को विसर्जित करने के लिए शीतला तालाब में पहुंच रहे थे । वहां सभी भक्त माता शेरावाली की पूजा अर्चना करने के बाद उसे विसर्जित कर रहे थे । यहां पर भी टीआई सत्येंद्र सिंह श्याम के नेतृत्व में पुलिस प्रशासन तैनात थी ।साथ ही विसर्जित हुए मां दुर्गा की प्रतिमा को कुछ देर के बाद नगर पालिका प्रशासन के कर्मचारियों के द्वारा बाहर भी निकाला जा रहा था, ताकि तालाब की सफाई भी बनी रहे।