छत्तीसगढ़ के 99.90 फीसद लोग किसी न किसी रोजगार से जुड़कर आजीविका हासिल कर रहे हैं। थिंक टैंक सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) की ओर से जारी ताजा आंकड़ों से यह साबित हुआ है। छत्तीसगढ़ राज्य में सितंबर महीने की बेरोजगारी दर अब तक अपने न्यूनतम स्तर 0.1% पर है। देश में सबसे कम बेरोजगारी दर के मामले में छत्तीसगढ़ शीर्ष पर है।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) ने हाल ही में रोजगार का मासिक आंकड़ा जारी किया है। इसके मुताबिक सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में 0.1% के साथ छत्तीसगढ़ शीर्ष पर है। वहीं इसी अवधि में 0.4% के साथ असम दूसरे स्थान पर है। उत्तराखंड 0.5% बेरोजगारी दर के साथ तीसरे स्थान पर है।
मध्यप्रदेश में यह आंकड़ा 0.9% है और गुजरात में यह आंकड़ा 1.6% रहा है। दूसरी ओर सर्वाधिक बेरोजगारी मामले में राजस्थान ने हरियाणा को पीछे छोड़ दिया है। सितंबर में वहां सर्वाधिक 23.8% बेरोजगारी दर दर्ज की गई है। जम्मू एवं कश्मीर में 23.2% और हरियाणा में 22.9% बेरोजगारी दर बताई गई है। त्रिपुरा में 17.0% और झारखंड में 12.2% बेरोजगारी दर है।
देश में भी बेरोजगारी दर कम हुई
CMIE के ताजा आंकड़े बताते हैं कि देश में भी बेरोजगारी दर कम हुई है। सितंबर में देश में बेरोजगारी दर का यह आंकड़ा 6.43% रहा है। देश के शहरी क्षेत्रों में 7.70% और ग्रामीण क्षेत्रों इसे 5.84% मापा गया है। अगस्त महीने में यह दर 8.3% थी।
पिछले महीने 0.4% थी बेरोजगारी दर
CMIE के आंकड़ों में छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर लगातार गिरी है। अगस्त में छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर 0.4% बताई गई थी। जुलाई में यह 0.8% बताई गई थी। जून महीने में यह 1.2% दर्ज की गई थी। वहीं मई में यह 0.7% रही। इस पूरे सीजन में छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर एक बार ही एक प्रतिशत से अधिक रही।
योजनाओं और नीतियों से आया बदलाव
सरकारी अधिकारियों का कहना है, न्यूनतम बेरोजगारी दर के मामले में छत्तीसगढ़ राज्य को मिली इस उपलब्धि के पीछे वजह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नीतियां हैं। उनके नेतृत्व में रोजगार के नए अवसरों के सृजन के लिए बनाई गई योजना और नीतियाें से बदलाव आया है। छत्तीसगढ़ में बीते पौने चार साल के भीतर अनेक ऐसे नवाचार हुए हैं, जिनसे शहर से लेकर गांव तक हर हाथ को काम मिला है।