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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजिम प्रेम पर लोगों की उम्मीदें जगी, शीघ्र राजिम जिला बने…

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राजिम।अंतर्राष्ट्रीय संत पंडित प्रदीप मिश्रा ने रायपुर के गुढ़ियारी में हुए शिव महापुराण के अंतर्गत अपने कार्यक्रम की शुरुआत प्राचीन धर्म नगरी राजिम की महिमा का गुणगान के साथ किया तथा समापन समारोह में पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजिम को संवारने की बात कही। मुख्यमंत्री ने विशाल सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि राजिम में 55 एकड़ भूमि आरक्षित किए गए हैं वहां विशाल प्रवचन का कार्यक्रम हो सकता है। मां कौशल्या की भूमि चंद्रखुरी के बाद राजिम को संवारने का काम शुरू हो गया है। इस तरह से पांच दिन तक चले शिव महापुराण में धर्म नगरी राजिम के पंचकोशी धाम की महिमा का लगातार गुणगान हुआ है इससे यहां के लोगों में राजिम को शीघ्र जिला का दर्जा देने की कामना जगी है। सोशल मीडिया के माध्यम से यह बात आम होती जा रही है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शीघ्र राजिम जिला बना सकते हैं। राजिम के प्रति उनका प्रेम तथा यहां स्थित आशुतोष भगवान कुलेश्वर नाथ महादेव तीन नदियों के मध्य में विराजमान है। जिस तरह से शंख पर द्वारकापुरी तथा त्रिशूल की नोक पर काशीपुरी की रचना हुई है उसी तरह से कमल पुष्प पर राजिम नगरी को वर्तमान माना गया है। कमल के इन पांच पंखुड़ी पर पांच शिवपीठ स्थापित है। जिन्हें पंचकोशी धाम के नाम से जाना जाता है जिस तरह से उत्तर प्रदेश में 84 कोसी यात्रा होती है उसी तरह से राजिम में जनवरी माह पर पंचकोशी परिक्रमा में बड़ी संख्या में लोग पैदल यात्रा का लाभ लेते हैं। यहां के लोगों की मांग रही है कि पांच पांच कोस की दूरी पर स्थित पांचों शिव पीठ को राजिम जिला में रखा जाए ताकि उसी के अनुसार उनका विकास हो। सोंडुर, पैरी एवं महानदी को त्रिवेणी संगम की मान्यता दिलाती है। पूरे छत्तीसगढ़ में इन्हें प्रयागराज की संज्ञा दी गई है। देशभर में दो ही प्रयाग का जिक्र प्रमुखता के साथ आता है जिनमें से पहला उत्तरप्रदेश में स्थित प्रयागराज खुद जिला मुख्यालय है। दूसरा प्रयागराज छत्तीसगढ़ का राजिम है यह मात्र तहसील मुख्यालय के बाद अनुविभागीय कार्यालय ही बन पाया है। विगत 30 वर्षों से जिला बनने के लिए छटपटा रहा है। 1 नवंबर सन 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य अस्तित्व में आया। छत्तीसगढ़ राज्य का सुंदर सपना देखने वाले संत पवन दीवान के प्रयास को समूचा छत्तीसगढ़ नहीं भूलेगा। उनके द्वारा देखा गया एक एक सपना फलीभूत हुआ है आगे राजिम जिला की मांग इन दिनों तेज हो गई है। प्रदेश के प्रथम पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री तथा राजिम विधायक अमितेश शुक्ला ने रेस्ट हाउस में आयोजित जिला निर्माण बैठक में हुंकार भरते हुए कहा है कि गरियाबंद जिला क्षेत्र में प्रवास पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से जोर शोर के साथ राजिम जिला की मांग रखूंगा। उन्होंने राजिम जिला बनाने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र भी प्रेषित कर चुके हैं। जिनकी प्रति बैठक के दौरान पत्रकारों को दी है। कांग्रेस, भाजपा, बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता एवं उनके क्षेत्र के वरिष्ठ नेता बड़ी संख्या में उपस्थित होकर राजिम जिला की मांग पर आवाज बुलंद की है। पूर्व सांसद चंदूलाल साहू ने राजिम जिला के लिए अविभाजित मध्यप्रदेश के समय किसी अधिकारी के द्वारा सर्वे करने की बात कही गई थी। अधिवक्ता संघ के हिमांशु दुबे ने बैठक में ही क्लियर कर दिया था कि जिला निर्माण के लिए अपने को कभी पीछे नहीं रखेंगे। तन मन धन सभी के साथ आगे आएंगे। इसी तरह से विभिन्न संगठन तथा पूरी क्षेत्र के लोग राजिम जिला की मांग कर रहे हैं। गत दिनों जिला पंचायत सदस्य मधुबाला रात्रे ने अपने सभी 26 ग्राम पंचायत से राजिम जिला बनाने के लिए प्रस्ताव बनाकर सरकार से मांग करने की बात कहीं गई। बताना होगा कि नगर पंचायत राजिम ने अप्रैल में ही सामान्य सभा की बैठक में प्रस्ताव पारित कर राजिम को शीघ्र जिला बनाने के लिए मांग प्रस्ताव पत्र सरकार को प्रेषित कर दिए हैं। जिला पंचायत सदस्य रोहित साहू ने कहा है कि राजिम हर हाल में जिला बनेगा। शीघ्र प्रतिनिधिमंडल बनाकर मुख्यमंत्री के पास बात रखेंगे। अनेक बातें लगातार हो रही है। परंतु मुख्यमंत्री के द्वारा राजिम प्रेम दर्शाने के बाद लोगों की उम्मीदें बढ़ गई है और शीघ्र राजिम को जिला के रूप में देखना चाह रहे हैं। आखिरकार यह सपना कब पूरा होगा यह समय की गर्त में छिपा हुआ है।अभी तक नहीं बन पाया है प्रतिनिधि मंडल राजिम जिला के लिए अभी तक प्रतिनिधिमंडल का निर्माण नहीं हो पाया है। हालांकि बैठक जरूर हुई जिसमें सभी वर्ग के लोग इकट्ठे हुए थे परंतु एन वक्त पर बड़े नेताओं के किसी जरूरी काम से उठकर जाने के बाद पूरी सभा भरभरा गई थी उसके बाद तो प्रतिनिधिमंडल बन नहीं पाई, हालांकि जिला पंचायत सदस्य रोहित साहू कहते रहे कि शीघ्र यह प्रक्रिया पूर्ण होगी और मुख्यमंत्री के पास हम अपनी बात मजबूती के साथ रखेंगे। बैठक हुए अभी तक 8 दिन गुजर गए हैं। बैठक के बाद से इधर लोगों की उम्मीदें बढ़ती जा रही है लेकिन उधर जिला निर्माण समिति के गठन के साथ ही प्रतिनिधिमंडल कब बनेगा लोगों को बेसब्री से इंतजार है।माघी पुन्नी मेला 5 फरवरी सेप्रदेश के प्रसिद्ध राजिम माघी पुन्नी मेला 5 फरवरी से शुरू हो रहा है अब मात्रा ढाई महीने ही शेष बचे हुए हैं। लोगों की मंशा है कि मेले में जब भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहुंचे तो वह सबसे पहले राजिम को जिला बनाने की घोषणा करें। क्षेत्र की जनता का कहना है कि राजिम के जिला बनते ही विकास को गति मिलेगी। तथा छोटी जिला होने के बाद शासन की योजनाएं द्वार द्वार पहुंचेगी।

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