दिल्ली। सरकार ने चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून अवधि के लिए शेष जीएसटी मुआवजे के लिए 17,000 करोड़ रुपये जारी किए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि 2022-23 के दौरान उपरोक्त राशि सहित अब तक राज्यों को जारी मुआवजे की कुल राशि 1,15,662 करोड़ रुपये है। यह इस तथ्य के बावजूद है कि अक्टूबर, 2022 तक कुल टैक्स कलेक्शन केवल 72,147 करोड़ रुपये है और शेष 43,515 करोड़ रुपये केंद्र द्वारा अपने संसाधनों से जारी किए जा रहे हैं।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “इसके साथ ही सरकार ने राज्यों को मुआवजे के भुगतान के लिए इस वर्ष मार्च के अंत तक अनुमानित टैक्स की पूरी राशि अग्रिम रूप से जारी कर दी है।” यह निर्णय राज्यों को उनके संसाधनों के प्रबंधन में सहायता करने और यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि वित्तीय वर्ष के दौरान उनके कार्यक्रम, विशेष रूप से पूंजी पर व्यय सफलतापूर्वक किया जाता है।
वित्त मंत्रालय ने जारी किए 17,000 करोड़
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर बताया कि केन्द्र सरकार ने 24 नवंबर को राज्यों को जीएसटी बकाया का 17,000 करोड़ रुपये जारी कर दिया है.जीएसटी का ये मुआवजा अप्रैल से जून 2022 की अवधि के लिए है. वित्त वर्ष 2022-23 में राज्यों को अब तक 1.15 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी बकाया दिया जा चुका है.
खुद की जेब से चुका रही केन्द्र सरकार
मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि जीएसटी सेस के रूप में अक्टूबर 2022 तक केवल 72, 147 करोड़ रुपये का ही टैक्स कलेक्शन हुआ है. पर केन्द्र सरकार की ओर से 43,515 करोड़ रुपये खुद के संसाधनों से जुटाकर दिए गए हैं.
इस राशि को जारी करने के साथ ही केन्द्र सरकार ने राज्यों को जीएसटी मुआवजे का उतना हिस्सा दे दिया है, जितना मार्च 2023 तक कलेक्ट होने का अनुमान है.
महाराष्ट्र का हिस्सा सबसे ज्यादा, दिल्ली की बल्ले-बल्ले
केन्द्र सरकार ने जीएसटी का जो बकाया जारी किया है. इसमें सबसे ज्यादा हिस्सेदारी महाराष्ट्र की रही है. महाराष्ट्र के खाते में 2081 करोड़ रुपये पहुंचे हैं. वहीं 1915 करोड़ रुपये के हिस्से के साथ कर्नाटक दूसरे नंबर पर रहा है.
दिल्ली को इस खेप में 1200 करोड़ रुपये मिले हैं. जबकि उत्तर प्रदेश को 1202 करोड़ रुपये और तमिलनाडु को 1188 करोड़ रुपये हासिल हुए हैं. इसके अलावा पंजाब के खाते में 984 करोड़, पश्चिम बंगाल को 814 करोड़, राजस्थान को 806 करोड़ और गुजरात को 856 करोड़ रुपये हासिल हुए हैं. छत्तीसगढ़ राज्य को केंद्र ने इस खेप में 500 करोड़ रुपए दिए है। यहां देखे सारे राज्यों की लिस्ट…
जब जीएसटी व्यवस्था को लाया गया था, तो राज्यों के राजस्व में संभावित नुकसान को देखते हुए मुआवजे का प्रबंध किया गया था. ये राशि 28 प्रतिशत की दर वाले जीएसटी वाली वस्तुओं पर 15 प्रतिशत के उपकर (Cess) के माध्यम से जुटाई जाती है.