रायपुर। छत्तीसगढ़ में अनियमित कर्मचारियों को नियमितिकरण की कवायद प्रारंभ हो गई है। सरकार ने पहले सभी विभागों से अनियमित कर्मचारियों का डिटेल मंगवाया था। उन्हें नियमित करने सरकार के खजाने पर कितना भार आएगा, इसका कैलकुलेशन किया जा रहा है। अगले बजट में इसके लिए राशि का प्रावधान करने वित्त विभाग के अधिकारियों की दो बैठकें हो चुकी हैं। दरअसल, अगले साल के लास्ट में विधानसभा चुनाव है। संकेत यह है कि सरकार विधानसभा चुनाव से पहले अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का कार्ड खेलेगी। लिहाजा, अगले बजट में ही इसके लिए राशि का प्रावधान करना होगा।.
छत्तीसगढ़ में करीब डेढ़ लाख अनियमित कर्मचारी हैं। इनमें दैनिक वेतन भोगी भी शामिल हैं। कई कर्मचारी तो दस-दस पंद्रह-पंद्रह साल से सेवा में हैं। बीजेपी की रमन सिंह सरकार ने 2013 के विधानसभा चुनाव के दौरान 2005 तक भर्ती अनियमित कर्मचारियों को रेगुलर किया था। 2018 के विधानसभा चुनाव के समय भी अनियमित कर्मचारियों को उम्मीद थी कि सरकार रेगुलर करने का ऐलान करेगी मगर ऐसा हो नहीं पाया। इस बार सरकार भी कई मौकों पर संकेत दे चुकी है कि अनियमित कर्मचारियों के साथ सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि सरकार चुनाव से पहले नियमितिकरण का ऐलान कर देगी। अनियमित कर्मचारियों को भी इस बार उम्मीद है कि चुनाव को देखते सरकार बड़ा फैसला कर सकती है। बजट में राशि का इंतजाम करने फायनेंस विभाग के अधिकारियों की बैठकें भी हो रही हैं।
जाहिर है, जिलों के साथ ही सरकार के कई विभागों में अनेक विंग अनियमित कर्मचारी संभाले हुए हैं। कई विभाग तो अनियमित कर्मचारियों के भरोसे चल रहे हैं। यहां तक कि कलेक्ट्रेट तक में रेगुलर कर्मचारियों की संख्या घटती जा रही है। उनके रिटायरमेंट के बाद पद भरे नहीं गए। उनकी जगह अनियमित कर्मचारियों से काम चलाया जा रहा है।