Home छत्तीसगढ़ स्थानांतरित भूमि से कब्जा हटाने पहुंचे अमले का हुआ विरोध…

स्थानांतरित भूमि से कब्जा हटाने पहुंचे अमले का हुआ विरोध…

168
0




राजिम 25 दिसंबर। नवीन मेला ग्राउंड में रविवार को शाम 4:00 स्थानांतरित भूमि से कब्जा हटाने के लिए पहुंचे तहसील आमला के विरोध का जबरदस्त नजारा देखने को मिला। यहां पर यह बताना होगा कि नदी के किनारे नवीन मेला ग्राउंड पर बल्ला, सत्तू, सनत, जग्गा, मनबोध, खोमेंद आदि पांच छः परिवार बाडी लगाकर जीवन यापन कर रहे हैं। बाडी में सेमी की फसल लगी हुई है। इन्हें तोड़कर बेच रहे हैं। इनसे जो इनकम हो रही है उससे परिवार का खर्चा चल रहा है। परंतु रविवार को जैसे ही बुलडोजर इनके बाडी पर चला और सर्वप्रथम घेरा को तोड़ा। इन्हें तोड़ते तोड़ते कई बार बाडी वाले को चोट लगते लगते बची। विरोध कर रही 50 वर्षीय सीता सोनकर कांटातार में फंसकर इस तरह गिरी कि वह उठ नहीं पाई तब पुलिस की टीम ने उन्हें जाकर उठाया। गनीमत ज्यादा चोट नहीं आई वरना कोई भी बड़ी अप्रिय घटना घट सकती थी। विरोध का यहां कई उदाहरण देखने को मिला। प्रशासन के खिलाफ जमकर मुर्दाबाद के नारे लगाएं। देखते ही देखते यहां लोगों का अच्छा खासा हुजूम बढ़ गया। जमीन वाले विरोध करते रहे और बाकी लोग दृश्य को देख रहे थे। राजिम तहसीलदार बार-बार भूमि खाली कराने के लिए जेसीबी वाले पर दबाव बना रहे थे और इधर बाडी वाले विरोध कर रहे थे। बताया कि जमीन के बदले हमें जमीन हालांकि दिया है लेकिन वह जितनी मात्रा में बाडी लगा रहे हैं उससे कम जमीन हमको मिला हुआ है। वहां न ही पानी की सुविधा है और न ही अन्य कोई सुविधाएं हैं जिसके कारण खेती करना मुश्किल है। इस जगह को छोड़कर यदि हम वहां जाते हैं तो लाखों रुपया बाड़ी के योग्य बनाने में ही लगेगा। पानी बोर सुविधा में ही कई रुपया खर्च हो जाता है यह राशि कहां से आएगी इन किसानों के सामने बहुत बड़ी चिंता है इसलिए यह किसान पूरे परिवार के साथ आकर भूमि खाली करवा रहे हैं उनका विरोध कर रहे थे तहसील आमला के यह कृत्य से परेशान किसान कह रहे थे कि अभी हम लोग बाडी लगाए हैं इन्हें खाने दीजिए उसके बाद हम खुद स्वत: खाली कर देंगे। लेकिन तहसीलदार साहब मानने को तैयार नहीं और खाली कराने पर अड़े रहे। स्थानीय प्रशासन का स्पष्ट रूप से कहना था कि 3 साल पहले ही इनको जमीन के बदले जमीन दे दी गई है। खाली कराने के लिए नोटिस भी दिया गया है उसके बाद भी खाली नहीं कर रहें हैं। इस संबंध में तहसीलदार से उनका बयान लेने का प्रयास किया गया उन्होंने कहा कि मैं वाइट देने के लिए अधिकृत नहीं हूं। समाचार लिखे जाने तक शाम 6:30 बजे बुलडोजर चल रही थी और विरोध का अलग-अलग दृश्य दिखाई दे रहा था लेकिन जैसे ही अंधेरा हुआ आसपास से पहुंचे हुए लोग एक-एक कर वापस अपने घर की ओर जा रहे थे। इधर विरोध करने वाले किसानों का यह भी कहना था कि आज रविवार है छुट्टी के दिन प्रशासन हम लोगों को परेशान कर रही है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here