मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का त्योहार 14 जनवरी को पूरे देश में मनाया जाएगा. मकर संक्रांति मनाने वाले लोग सुबह उठकर स्नान करेंगे और फिर दान-पुण्य करेंगे. मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने की भी एक खास परंपरा है.
हिंदू पंचांग के अनुसार सूर्य सभी 12 राशियों का चक्कर लगाने में एक वर्ष का समय लेता है. अपने इस परिक्रमा पथ में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तो इस घटना को मकर संक्रान्ति कहा जाता है. सूर्य का मकर राशि में गोचर शीत ऋतु की विदाई एवं बसंत के आगमन का प्रतीक माना जाता है. इसी दिन दक्षिण भारत में पोंगल उत्सव भी मनाया जाता है.
क्यों मनाते हैं मकर संक्रांति?
हिंदू समुदाय के लोग मकर संक्रांति मनाते हैं क्योंकि वे इस अवधि को शुभ मानते हैं. अधिकांश क्षेत्रों में संक्रांति उत्सव दो से चार दिनों तक चलता है. त्योहार के दौरान लोग सूर्य देव की पूजा करते हैं. वे पवित्र जल, नदियों में एक पवित्र डुबकी लगाना शुभ माना जाता है. इस दिन जरूरतमंदों को दान करते हैं, पतंग उड़ाते हैं, तिल और गुड़ से बनी मिठाई तैयार करते हैं.