लोक निर्माण विभाग श्रम आयुक्त श्रमिक कर्मचारी कल्याण संघ रायपुर द्वारा मध्यप्रदेश 2016 की भांति लोक निर्माण विभाग के समस्त 5987 श्रमायुक्त दर के श्रमिकों को स्थाई कर्मी बनाने की मांग का पत्र, मुख्यमंत्री महोदय को सुझाव रूप में लिखने हेतु टीएस सिंह देव जी से वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कन्हैया अग्रवाल के माध्यम से मुलाकात की गई। मंत्री एवं घोषणा पत्र के अध्यक्ष टीएस सिंह देव जी द्वारा संगठन के प्रतिनिधि मंडल को पत्र लिखने हेतु आश्वस्त किया गया।
ज्ञात हो कि लोक निर्माण विभाग के सहित प्रदेश के समस्त 54 विभाग 40 निगम मंडल आयोग में श्रम आयुक्त, कलेक्टर दर श्रमिकों की संख्या वर्तमान में लगभग तैतीस हजार के समकक्ष है। यह सभी 2009 के पश्चात दैनिक वेतन भोगी रखने पर प्रतिबंध लगा तब से रखे गए हैं एवं विभिन्न विभागों में इनके द्वारा तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के स्तर का कार्य किया जाता है संगठन के प्रदेश प्रवक्ता सत्यम शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में यदि इन सबों को एक साथ छत्तीसगढ़ सरकार तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी में योग्यता अनुसार तत्काल स्थाई कर्मी बनाती है तो वर्तमान लागू न्यूनतम वेतनमान 19500, 15600 के गणना के अनुसार मात्र 287 करोड़ वार्षिक का बजट वित्तीय भार छत्तीसगढ़ शासन को आएगा। यदि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 10 वर्ष की सीमा तय की जाती है अथवा 50 वर्ष आयु पूर्ण कर चुके कर्मचारियों की सीमा तय की जाती है तो लगभग 25% अर्थात 8250 सभी को तृतीय श्रेणी का भी स्थाई कर्मी बनाया जाता है मात्र 86 करोड़ वार्षिक का बजट बार आएगा।
संगठन द्वारा ज्ञापन में माननीय श्री टीएस सिंह देव जी के माध्यम से जो मुख्यमंत्री को सुझाव दिया जा रहा है उसमें बिना किसी वेतन वृद्धि के वर्तमान प्राप्त वेतनमान के अनुसार ही समस्त को स्थाई कर्मी बनाने की मांग की गई है जिसमें शासन को केवल महंगाई भत्ता एवं वेतन वृद्धि का भार ही आएगा वह भी उन्हें 1 वर्ष के भीतर प्रदान करना होगा। संगठन ने अन्य समाधान भी सुझाया है कि 25% को 10 वर्ष की सीमा बंधन अथवा 50 वर्ष आयु के सीमा बंधन के अंतर्गत तत्काल स्थाई कर्मी बनाया जाए। बिना किसी वेतन वृद्धि के तथा शेष सभी को 3 वर्ष की परिवीक्षा अवधि तय करते हुए स्थाई कर्मी के रूप में विभागों में भी नियोजित किया जाए तब तक वर्तमान श्रम दर अनुसार ही लागू वेतन वृद्धि दी जाए।
संगठन के सुझाव में पद रिक्त ना होने पर सांख्येतर पद पर एवं योग्यता अनुसार श्रेणी प्रदान करने की मांग भी की गई है। मंत्रालय सूत्रों के अनुसार एक लाख से कम जिसमें पचपन हजार संविदा तीन हजार दैनिक वेतन भोगी एवं इन तैतीस हजार श्रमायुक्त दर के श्रमिकों के लिए सरकार बजट सत्र में कुछ सौगात प्रदान कर सकती है, बावजूद इन संगठनों ने किसी भी प्रकार का रिश्क ना लेते हुए अपना यह प्रयास निरंतर जारी रखा हुआ है। यदि सरकार द्वारा इस सुझाव को अपनाया जाता है तो सरकार ने जो घोषणा पत्र में संविदा दैनिक वेतन भोगी को नियमित करने की बात कही थी वह स्थाई कर्मी , स्थायीकरण के रूप में लगभग पूर्ण होती दिखाई दे रही है। टीएस सिंह देव जी से भेंट के लिए विशेष रुप से प्रदेश के दीपेश भतपहरी, आकाशदीप राठौर, गेंद लाल बाल किशोर, विश्वदीप रावत, अजय धनकर, गंगा प्रसाद दुबे, देवेन्द्र ठाकुर, मनीष दुबे, थे।