Home other छत्तीसगढ़ में आरक्षण विधेयक राजभवन में अटका… बीजेपी के इशारे पर हो...

छत्तीसगढ़ में आरक्षण विधेयक राजभवन में अटका… बीजेपी के इशारे पर हो रहा सब…

89
0

छत्तीसगढ़ में आरक्षण विधेयक फिलहाल राजभवन में अटका हुआ है। राज्यपाल का कहना है कि इस विधेयक के संवैधानिक आधारों का परीक्षण किया जा रहा है। उसके बाद इस पर हस्ताक्षर किया जायेगा। इसी तर्क को लेकर मंगलवार को सामान्य वर्ग के प्रतिनिधियों ने राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात कर उनका आभार जताया। उन्हें संविधान की रक्षा करने के लिए धन्यवाद दिया।

हालांकि इस विधेयक को लेकर BJP-कांग्रेस जैसी राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे पर लगातार हमलावर है। कांग्रेस का कहना है कि विधेयक को बीजेपी के इशारे पर अटकाया गया है जबकि बीजेपी का आरोप है कि सरकार राज्यपाल की मांगी गई जानकारी दें। क्वांटिफायबल डाटा की रिपोर्ट सार्वजनिक करें। जिससे आरक्षण बिल जल्द पारित हो।

प्रदेश में 76% आरक्षण के मुद्दे पर कई अलग-अलग वर्गों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन भी खुश-नाखुश चल रहे हैं। इस विधेयक को लेकर सामान्य वर्ग में भी अच्छी खासी नाराजगी है। इसी नाराजगी के चलते सामान्य वर्ग जिसमें क्षत्रिय समाज, ब्राह्मण समाज, सिंधी समाज, जैन समाज, वैश्य समाज शामिल है और लगातार बैठकें कर रहा है। उनका तर्क है कि 76% आरक्षण लाना व्यक्ति की योग्यता का अपमान करना है। इस विधेयक के संबंध में पिछले दिनों सामान्य वर्ग ने बैठक कर एक स्वर में इसे वोट बैंक की राजनीति करार दिया था।

राज्यपाल से मिलने कई जिलों से आए सामान्य वर्ग के पदाधिकारी

राज्य के अलग-अलग जिलों से राज्यपाल को धन्यवाद देने सामान्य वर्ग के प्रतिनिधि पहुंचे। उन्होंने राज्यपाल अनुसुईया उइके का विधि सम्मत कार्यवाही किये जाने के लिये आभार जताया। जिसके बाद राज्यपाल ने भी उन्हें आश्वासन दिया कि संविधानिक के दायरों के अनुरूप ही कार्यवाही की जायेगी। दरअसल सामान्य वर्ग के ये प्रतिनिधि अलग अलग संभागों से पहुंचे थे। जिसमें बस्तर संभाग से राजेश मिश्र, संतोष चंद्र उपाध्याय,बिलासपुर संभाग से अभिनव पांडे, वीणा दीक्षित, वेद राजपूत और दुर्ग से नविता शर्मा, रामभाऊ फरताडे, रायपुर से सुधीर नायक, यश वाधवानी, गौरव तिवारी, विवेक ठाकुर, विक्रम सिंह पहुंचे।


सामान्य वर्ग के प्रतिनिधियों ने संयुक्त बयान में कहा सामान्य वर्ग 50% आरक्षण का समर्थन करता है। जिसमें SC, ST,ओबीसी का प्रतिनिधित्व रहे तथा 50% आरक्षण ” ओपन फॉर ऑल कैटेगरी” के अनुसार हो जिसमे सभी वर्ग (एससी, एसटी,ओबीसी,जनरल) के युवाओं को अवसर मिल पाए। साथ ही आरक्षण सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार होना चाहिए। आगे उन्होंने कहा कि यह विधेयक केवल चुनावी जुमला साबित होगा। इसे वोट बैंक की राजनीति के लिए लाया जा रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here