छत्तीसगढ़ में साल 2022 में दिसंबर के महीने में 2 दिन का विशेष विधानसभा सत्र बुलाया गया था. इस सत्र में आरक्षण संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया गया और पारित किया गया. मगर एक तरफ जहां आदिवासी समाज के लोग लाखों की संख्या में सड़कों पर उतरे तो वहीं सरकार ने भी भाजपा पर इस मुद्दे को लेकर कई सवालों के तीर चलाएं।
इन सबके बीच अब 52 दिन बीत जाने के बाद भी इस विधेयक पर राज्यपाल के हस्ताक्षर नहीं हुए. मामले में अब राज्यपाल का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने हस्ताक्षर करने को लेकर कहा है कि अभी मार्च तक इंतजार करिये -राज्यपाल