राजिम। राजिम माघी पुन्नी मेला के दूसरे दिन मेला का अलग-अलग रंग देखने को मिला। सोमवार को सुबह 10 बजे से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। संगम क्षेत्र में लोग घुम-घुम कर मेले में आये हुए समाग्रियों को निहार रहे थे। संगम में स्नान कर सीधे मंदिरों में जाकर दर्शन पूजन किएँ। सिमगाँव बलौदाबाजार से पहुंचे लक्ष्मी जोशी, देवानंद जोशी, भूरीबाई ने बताया कि वह मोटरसायकल से पुन्नी मेला पहुंचे है। कुलेश्वरनाथ शिवलिंग का दर्शन कर मन प्रसन्न हो गया। इसके बाद भगवान राजीवलोचन का दर्शन करेंगे। रायगढ़ के डमरू सिंह, कृष्ण कुमार, उद्धव, दीपक, मुकेश ने बताया कि पहली बार भगवान आशुतोष की कृपा से त्रिवेणी संगम मेे स्नान किये हैं। इससे शरीर तरोताजा हो गया है। कहीं भी तनिक भर थकान नहीं है। उड़िसा से आई महिलाएँ बता रही थी कि इतना बड़ा मेला पहली बार देखें है। इतनी सुन्दर व्यवस्था और देव दर्शन होना हमारे तो भाग्य खुल गये है।
बाम्बे मिठाई का जलवा
पुन्नी मेला में अलग-अलग प्रकार के मिठाई दुकाने अवश्य लगे हुए है मगर बाम्बे मिठाई का अपना अलग जलवा है। उत्तरप्रदेश के विकास डंडे मे मिठाई को बाँधे हुए है और प्रत्येक नग 10 रूपये में बेच रहे थे। उन्होंने बताया कि इसे शक्कर से बनाया जाता है। बच्चों का खासतौर पर पसंदीदा मिठाई है।
कंगन का क्रेज बढ़ा
जगह-जगह ठेले या फिर अन्य मनिहारी दुकानों में कंगन को शानदार सजाकर रखे गये है। मेले देखने पहुंचे महिलाएँ एवं लड़कियाँ कंगन खरीदना नही भूल रही है। चारो तरफ इनका क्रेज बढ़ा हुआ है।
मेलार्थियों का पहली पसंद ओखरा
मेला घुमने आये लोगों कि पहली पसंद ओखरा मिठाई बनी हुई है। पुरे मेला घुमने के बाद घर जाने के समय ओखरा जरूर खरीदते है। यह चाँवल से बनाया जाता है। इसमें भी गुड का उपयोग किया जाता है। अधिकतर उड़िसा के लोग बड़ी मात्रा में बनाते है।
बच्चें ले रहे झूला का मजा
अपने परिवार के साथ पहुंचे छोटे-छोटे बच्चों की नज़र में जैसे ही झूला दिखते हैं चढ़ने की जिद कर बैठते है और खुब मजा लुट रहे है। इधर मीना बाजार मेें भी आकाश झूला, डीस्को झूला, रेंजर झूला, झूले रहें है।