राजिम। राजिम माघी पुन्नी मेला 2023 में महानदी महाआरती की भव्यता एवं दिव्यता से संपूर्ण राजिम धाम आलोकित हो रहा है। प्रतिदिन शाम 6 बजे से 7 बजे महानदी की महाआरती किया जाता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुभारंभ दिवस में महानदी महाआरती कर अलौकिक आनंद का अनुभव किया। साथ ही मां गंगा से छत्तीसगढ़ की खुशहाली सुखशांति एवं समृध्दि की कामना की।
विदित हो कि शासन द्वारा लगातार तीसरे वर्ष महानदी आरती का संचालन एवं दायित्व त्रिवेणी गंगा महाआरती स्थानीय विप्र समिति को सौंपी गई है। विप्र समिति के अध्यक्ष एवं आरती प्रभारी पं. राम शर्मा ने समस्त जनता जनार्दन से आग्रह किया है कि अधिक से अधिक संख्या में महाआरती में शामिल होकर स्वयं, परिवार, समाज एवं इष्ट मित्रों का कल्याण करें। आरती संचालक डॉ. संतोष शर्मा ने आरती की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पैरी, सोढूर एवं महानदी केवल नदी ही नहीं है बल्कि यह धर्म, अध्यात्म एवं संस्कृति का पावन संगम है।
सनातन काल से महानदी में श्रध्दालुजन डुबकी लगाकर स्वयं को कृतार्थ करते आ रहें हैं। राजिम केवल नदियों का ही नहीं वरन् सांस्कृतिक धार्मिक एवं राजनीतिक चेतना का संगम है। महाआरती किसी भी पूजन विधान में या धार्मिक अनुष्ठान में जाने अनजाने में त्रुटि होने पर उन्हें पूर्णता प्रदान करती है। पं. पुरूषोत्तम मिश्र एवं उनकी टीम द्वारा सस्वर संगीतबध्द अद्भुत सुर सरिता प्रवाहित कर महाआरती की दिव्यता को और अधिक बढ़ा रही है। स्थानीय आचार्यगण कन्हैया तिवारी, विजय शर्मा, देवेन्द्र दुबे, संतोष मिश्रा, मदनमोहन, भूपेन्द्र पांडे, पदुम पांडे, ऋषि तिवारी, संजय मिश्रा, संस्कार मिश्रा, सुरज शर्मा, आदित्य शर्मा एवं संयोजक अशोक श्रीवास्तव मनीषा शर्मा महाआरती को सफल बनाने में सहयोग प्रदान कर रहें है। तीसरे दिवस की महाआरती में विशेष रूप से ब्रम्हकुमार नारायण भाई, ब्रम्हकुमारी पुष्पा बहन, आरती नोडल अधिकारी सोनी जी एवं बड़ी संख्या में श्रध्दालुगण उपस्थित थे।