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दुष्यंत कुमार अंतर्राष्ट्रीय विशिष्ट शिक्षक सम्मान से सम्मानित…

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नवापारा राजिम। बहुमुखी प्रतिभा के धनी दुष्यंतकुमार वर्मा शिक्षक शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कौंदकेरा गरियाबंद ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित किया है। 18 और 19 फरवरी को गुजरात, कच्छ-जिला (भुज) में, बालरक्षक प्रतिष्ठान संस्था महाराष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों के 100 से अधिक प्रतिभावान शिक्षक शामिल हुए।
इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भुज की रानीसाहिबा आरतीकुमारी जडेजा, कच्छ विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ• कांति गोर, विशिष्ट अतिथि पदमश्री नारायणजोशी, फ्रांस से सेवानिवृत्त शिक्षिक क्रिस्टोफर और सारा एडा, डाईट प्रिन्सिपल संजय ठाकर ,स्वामी प्रदीप्तानंदजी, डॉ. गुलाबपटेल, हरिदास शर्मा और मदनलाल मौजूद थे समारोह में मुख्यतः भारत की शिक्षा नीति, विभिन्न राज्यों के शिक्षा स्तर, विद्यार्थियो की मानसिकता से जुड़े मुद्दों की पर विस्तार से चर्चा हुई।


इस सम्मान समारोह में बालरक्षक पद्मभूषण पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता पुरस्कार की घोषणा की गई।
समारोह में विभिन्न राज्यों के शिक्षकों ने अपने राज्य की संस्कृति का परिचय दिया जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए, शिक्षक ‘दुष्यंत कुमार वर्मा’, ने मंच के माध्यम से छत्तीसगढ़ की निराली संस्कृति, सभ्यता, प्राकृतिक सौंदर्य, दर्शनीय स्थल, और छत्तीसगढ़ प्राचीन विरासत का महत्व बताकर छत्तीसगढ़ राजकीय गीत – “अरपा पैरी के धार” गीत और राउत नृत्य खूबसूरती से प्रस्तुत कर सदन को मंत्रमुग्ध कर दिया।
फिंगेश्वर विकासखंड के’ शिक्षक- दुष्यंत कुमार वर्मा शिक्षा के क्षेत्र में कर्तव्यनिष्ठ, समर्पण-भाव और उत्कृष्ट नवाचारी शैक्षणिक गतिविधियों द्वारा बच्चों की प्रतिभा उभारने में हमेशा प्रयासरत रहते हैं। व्याख्याता के साथ ही स्काउट शिक्षक और इको क्लब प्रभारी हैं, इनके मार्गदर्शन में अब तक 25 विद्यार्थियों को राज्यपाल अवार्ड मिल चुका है। इको क्लब के अंतर्गत विद्यालय में 500 पौधा लगाकर हरा भरा कर दिया।


बतादे दुष्यंत कुमार वर्मा को सत्र 2020 में ‘ज्योतिबा फुले शिक्षामित्र’ अवार्ड, 2022 में ‘राष्ट्रीय सरस्वती सम्मान’ से नवाजा गया है, बच्चों के चेहरे दुष्यंत कुमार शिक्षण के अलावा साहित्यकार भी है इनकी रचनाएं समय-समय पर पत्र-पत्रिकाओं में छपती रहती है गायन ,वादन, चित्रकारी, मूर्तिकला में दक्ष है बहुआयामी कला संपन्न शिक्षक अपने कला का उपयोग बच्चों के सर्वांगीण विकास में करते हैं
पुरस्कार समारोह के कार्यक्रम में शिक्षक दुष्यंत कुमार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘विशिष्ट शिक्षक सम्मान मिलने से’ पूरे ग्रामवासी, पालकों, शिक्षकों और विद्यार्थियों में हर्ष का वातावरण है जो बहुत ही गर्व की बात है।

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