नवापारा राजिम :- नगर की इकोफ्रेंडली आर्टिस्ट रानी निषाद इस बार होली को खास बनाने जड़ी बूटी का पाउडर, सब्जियों व फलो का रस सहित बेसन का उपयोग कर हर्बल रंग बनाने का कार्य कर रही है. खाने के चीजों से बने होने के कारण इसे गौ माता भी खा लेती है. एकोफ्रेंडली आर्टिस्ट रानी निषाद कहती है की आजकल बाजार में काफ़ी मिलावटी रंग उपलब्ध है. जिसका उपयोग करने से बहुत ही हानिकारक प्रभाव मानव सहित जीव जंतुओ के अंदर भी देखने को मिलता है.मनुष्य में मिलावटी रंग का प्रभाव आँखों मे जलन व सिरदर्द के रूप में दिखता है. होली रंगों का त्यौहार है हम सभी मिलकर अपने परिवार, दोस्तों व सगे सम्बन्धियों के साथ मिलकर होली खेलते है. ऐसे में इस होली हम सभी बहनो व मोहल्ले की 25 – 30 महिलाओं ने मिलकर घर पर ही एकोफ्रेंडली रंग तैयार किये है. देश के यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत के तहत वोकल फोर लोकल को सहयोग करते हुए हम सभी ने हर्बल होली तैयार करने का एक अनूठा प्रयास किया है.हम सभी चाहते है की लोग हमारे समूह की महिलाओं के द्वारा तैयार किए गए इन रंगों को ख़रीदे और हर्बल होली मनाये.उन्होंने शहर सहित अंचलवासियो से निवेदन किया की लगातार उन्हें और उनकी टीम को उनके द्वारा हस्तनिर्मित चीजों को खरीदने में सहयोग मिला है, ऐसे में इस होली पुनः शहरवासी उन्हें सहयोग प्रदान करते हुए हर्बल ग़ुलाल से होली खेलें और पानी बचाये,प्रकृति बचाये और स्वस्थ रहे. साथ ही साथ हमारे इस प्रयास को देश विदेश तक पहुंचाए ताकि हमारा आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार हो सके।