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छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर पर माओवादियों ने किया एक छात्र की हत्या, इलाके में दहशत का माहौल…

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छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर पर माओवादियों ने एक छात्र की हत्या करके उसके शव को गांव में फेंक दिया है। युवक गढ़चिरौली में रहकर सरकारी नौकरी की तैयारी करता था। होली में अपने घर गया हुआ था। माओवादियों ने पुलिस की मुखबिरी के शक में युवक का पहले अपहरण किया और फिर मार डाला। हत्या करके उसके शव को गांव के नजदीक में फेंक दिया। मामला जिले के भामरागढ़ थाना क्षेत्र का है।


जानकारी के मुताबिक, युवक साईनाथ नरोट (26) गढ़चिरौली जिले के नक्सल प्रभावित गांव मर्दूहूर का रहने वाला था। जो पिछले कई सालों से गढ़चिरौली में रहकर पढ़ाई करता था। करीब 4 से 5 दिन पहले होली की छुट्टियों में अपने गांव लौटा था। किसी काम से गुरुवार को वह गांव से बाहर निकलकर जंगल के रास्ते कहीं जा रहा था। जिसकी सूचना नक्सलियों को मिली।

ग्रामीण वेशभूषा में पहुंचे करीब 5 से 7 माओवादियों ने उसका अपहरण कर लिया। और फिर पुलिस की मुखबिरी का आरोप लगा कर गोली मार दी। वारदात के बाद स्टूडेंट के शव को गुरुवार की रात ही गांव के नजदीक में लाकर फेंक दिया था। शुक्रवार की सुबह ग्रामीणों ने इसकी जानकारी परिजनों और पुलिस को दी।

पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज करके शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा है। पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है। दरअसल नक्सली लंबे समय के बाद किसी स्टूडेंट को पुलिस की मुखबिरी करने के शक में मारे हैं। इस वारदात के बाद गांव छोड़कर बाहर पढ़ाई करने गए इलाके के छात्रों में दहशत है।

अब तक इतनों को मारा

17 नवंबर 2020 को नक्सलियों ने सुकमा के जंगलों में जनअदालत लगाकर 2 युवकों की हत्या की थी।
21 अक्टूबर 2020 को नक्सलियों ने बीजापुर में एक आरक्षक को अगवा कर जनअदालत लगा उसकी हत्या की थी।
साल 2020 में ही नक्सलियों ने नारायणपुर के अबूझमाड़ में 2 युवकों पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगा कर गला रेत कर हत्या की थी।
साल 2020 में कांकेर जिले में नक्सलियों ने जनअदालत लगा कर एक पूर्व सरपंच की हत्या की थी।
साल 2020 में कांकेर जिले में एक दिव्यांग युवक की हत्या कर शव सड़क किनारे फेंका था। इस पर भी पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाया गया था।
साल 2020 में सुकमा जिले में ही नक्सलियों ने एक ग्रामीण पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर जनअदालत लगा उसकी हत्या कर दी थी।
नवंबर 2021 में सुकमा जिले में जनअदालत लगाकर माओवादियों ने 2 युवकों की हत्या की थी। इनपर भी पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाया था।
नवंबर 2021 में नक्सलियों ने कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा इलाके में जनअदालत लगाकर 1 ग्रामीण की हत्या की थी।
जनवरी 2022 में बीजापुर जिले में अपने ही एक साथी कमलू पुनेम को जनअदालत लगाकर मारा था।
जनवरी 2022 में ही बीजापुर जिले के जांगला थाना क्षेत्र में अपने ही 2 साथी भोंगी पोयाम और कोतरापाल निवासी बोटी कुहरामी पर पुलिस मुखबिरी का शक कर उन्हें भी जन अदालत लगा कर मौत की सजा दी।
10 फरवरी को माओवादियों ने दंतेवाड़ा जिले के टेटम में एक युवक की हत्या कर दी थी।
17 मार्च को माओवादियों ने बीजापुर जिले के मद्देड थाना क्षेत्र में एक पास्टर की हत्या की थी।
28 अप्रैल को दंतेवाड़ा के नीलावाया में एक दिव्यांग युवक की हत्या कर दी।
2 मई को दंतेवाड़ा जिले के कटेकल्याण इलाके के एक कोटवार को मारा था।
27 अगस्त को कोंडागांव जिले में एक ग्रामीण की जान ले ली।
10 नवंबर 2022 को CG-तेलंगाना राज्य की सीमा पर एक युवक को मारकर फेंक दिया था।
6 जनवरी 2023 को CG-तेलंगाना बॉर्डर पर एक ग्रामीण की हत्या की।
फरवरी 2023 में नारायणपुर, दंतेवाड़ा और बीजापुर इन 3 जिलों में भाजपा के 3 नेताओं को मारा।

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