रायपुर/ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा गुड़ी पड़वा पर 22 मार्च को चैत्र नवरात्र का आरंभ होगा। इस बार चैत्र नवरात्र में ग्रह नक्षत्रों का विशेष संयोग बन रहा है। इस संयोग में देखी आराधना करने से शुभफल की प्राप्ति होगी। आचार्य पंडित विकास मिश्रा ने बताया की इस बार विशेष यह है कि चंद्र गुरु आदित्य योग में देवी आराधना का पर्व शुरू होगा। नवरात्र के नौ दिनों में चार सर्वार्थसिद्धि तथा एक अमृत सिद्धि योग बनेंगे। इनकी साक्षी में नए प्रतिष्ठान का शुभारंभ व भूमि, भवन की खरीदी करना विशेष शुभ है। इसी में यदि त्योहार या पर्व काल विशेष का आरंभ हो तो वह विशेष संयोग के अनुक्रम से जोड़ा जाता है। इस बार चैत्र नवरात्र का आरंभ बुधवार के दिन उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, शुक्ल उपरांत ब्रह्म योग, किंस्तुघ्न करण उपरांत बालव करण तथा मीन राशि के चंद्रमा की साक्षी में हो रहा है।
यही नहीं ग्रह गोचर की गणना से देखे तो मीन राशि पर चंद्र, सूर्य, गुरु का त्रिग्रही युति संबंध भी रहेगा। चंद्र, गुरु, सूर्य का संयोग अपने आप में विशेष माना जाता है। गुरु आदित्य के साथ चंद्रमा का होना धर्म अध्यात्म की दृष्टि से विशेष माना जाता है। यह सनातन धर्म को आगे बढ़ाने वाले योग भी बताया जाते हैं। इस दृष्टि से यह नवरात्र खास है।
सर्वार्थसिद्धि व अमृत सिद्धि योग कब-कब
– 23 मार्च- सुबह 6.32 से सर्वार्थ सिद्धि योग
– 24 मार्च- दिनभर सर्वार्थसिद्धि योग की साक्षी
– 27 मार्च- सुबह 6.28 से 28 तारीख दोपहर 1:27 तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। इसी दिन अमृत सिद्धि योग के साथ गुरु पुष्य का महासंयोग भी रहेगा। नवीन कार्यों के शुभारंभ व खरीदी के लिए यह महामुहूर्त रहेगा।