रायपुर/ प्रिय विद्यार्थियों लेख थोड़ा लंबा है भरपूर समय लेकर पढ़े । विषयान्तर्गत बातें शुरू करते हैं…एक विद्यार्थी के लिए सबसे पहली समस्या 10वीं कक्षा के बाद से शुरू होती है, जहां विद्यार्थी दसवीं तो पास कर लेता है पर उसके सामने विषय चयन की समस्या उत्पन्न हो जाती है, जहां गणित, विज्ञान, वाणिज्य और कला संकाय जैसे प्रचलित विषय के चयन को लेकर संशय बना रहता है।
विद्यार्थी के लिए यह पड़ाव एक चौराहे जैसा है, जहां मार्ग तो है, पर कौन से मार्ग की यात्रा करनी है यह निर्धारित नहीं हो पाता है। इस चौराहे पर आकर विद्यार्थी को मार्गदर्शक की आवश्यकता महसूस होती है और कुछ सौभाग्यशाली विद्यार्थी होते हैं, जिन्हे मार्गदर्शक मिल जाते हैं। जो उन्हें विषय चयन के लिए मार्ग प्रशस्त कर देते हैं। परंतु विद्यार्थियों का बहुत बड़ा हिस्सा ऐसे मार्गदर्शकों से वंचित रह जाता है।
मार्गदर्शक न होने के कारण विद्यार्थी अपने मन से या दोस्तों से चर्चा कर अपने मार्ग का निर्धारण कर लेते है. दो साल पूरा होते ही विद्यार्थी फिर एक बार चौराहे पर अपने आपको खडा पाता है। इस चौराहे पर आने से पूर्व विद्यार्थी अपने विषय में या तो समझ विकसित कर लेता है या फिर अपने नये मार्ग के निर्धारण में लग जाते है। अधिकत्तर देखा गया है कि नये मार्ग वाले विद्यार्थियों की संख्या अमूमन अधिक रहती है। 12वीं पास करने वाले ये विद्यार्थी अपने पिछले चयनित विषय से छुटकारा पाना चाहते हैं और एक ऐसे विषय को अपनाना चाहते हैं, जहां अन्य विषयों की तरह पोस्ट ग्रेजुएशन और पीएचडी तक शिक्षा, नौकरी की अपार संभावनाएं और प्रतियोगी परीक्षा की दृष्टि से भी उपयोगी हो । साथ ही विद्यार्थी यह चाहता है कि उसका विषय अपने आप में एक रोजगार की संभावना पैदा करता हो । इस लेख में हम आपको एक ऐसे ही पाठ्यक्रम की चर्चा में ले जाना चाहते है, जहां चौराहे की समस्या बार- बार पैदा नहीं होती है। विषय है – जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इस विषय में ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और पीएचडी स्तर के पाठ्यक्रम है । इस विषय का गुण गागर में सागर भरने वाला होता है, जहां विद्यार्थी प्रवेश लेकर बेहतर भविष्य की संभावना को दिशा दे सकता है।
आंजनेय यूनिवर्सिटी में संचालित स्कूल ऑफ मास मीडिया इस पाठ्यक्रम (कोर्स) का संचालन कर है, जहां विद्यार्थी कर सकते है-
1. डिप्लोमा इन जर्नलिज्म 2. डिप्लोमा इन एंकरिंग एंड रिपोर्टिंग
3. पीजी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म 4. बैचलर ऑफ आर्ट्स इन फिल्म मेकिंग
5. बैचलर ऑफ आर्ट्स इन जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन 6. मास्टर ऑफ आर्ट्स इन जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन
छत्तीसगढ़ प्रदेश में 16वें प्राइवेट यूनिवर्सिटी, आंजनेय यूनिवर्सिटी की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा है। आंजनेय यूनिवर्सिटी प्रदेश की राजधानी रायपुर के हृदयस्थल छत्तीसगढ़ विधानसभा के निकट स्थित है। यूनिवर्सिटी द्वारा विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। यहां सुविधायुक्त (ऑडिओ/विसुअल) स्टूडियो के साथ नई शिक्षा नीति और यूजीसी के अनुरूप नवीन आयामों को समेकित करते हुए प्रायोगिक विषयों को स्कूल ऑफ मास मीडिया में संचालन किया जा रहा है। जिसका लक्ष्य प्रतिस्पर्धा एवं तकनीकी युग में पत्रकारिता एवं जनसंचार के उदेश्यों के अनुरूप विद्यार्थियों को तैयार करना है । पूर्व में इस पाठ्यक्रम को पूरा कर निकले विद्यार्थी आज विभिन्न मीडिया संस्थानों सहित स्वरोजगार कर रहे हैं । वहीँ इस पाठ्यक्रम को सेमेस्टर के आधार पर बांटा गया है- बैचलर में 6 सेमेस्टर एवं 30 पेपर है। मास्टर में 4 सेमेस्टर एवं 20 पेपर, डिप्लोमा में 2 सेमेस्टर एवं 10 पेपर शामिल किये है। साथ ही प्रायोगिक के लिए इंटर्नशिप, शोध कार्य, शोध लेखन आदि को शामिल किया गया। इस कोर्स में फोटोग्राफी, रेडियो प्रोग्राम, टेलीविजन प्रोग्राम, डिज़ाइन एन्ड ग्राफिक्स अन्य ऐसे विषय हैं जिनमें विद्यार्थी अपनी मजबूत पकड़ बनाकर स्वरोजगार की ओर प्रेरित हो सकते है। वहीं रिपोर्टिंग, एडिटिंग, जनसंचार, प्रिंट मीडिया, वेब पत्रकारिता जैसे विषयों को पढ़कर विद्यार्थी मीडिया संस्थानों में (प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, न्यूज़ पोर्टल) नौकरी पा सकते हैं। रोचक तथ्य यह है कि इस पाठ्यक्रम में कई ऐसे भी विषय शामिल हैं जो (भारतीय संविधान, अर्थशास्त्र, प्लानिंग एन्ड डेवलपमेंट, अन्य) राज्य में आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं पीएससी, व्यापम एवं यूपीएससी पाठ्यक्रम से मेल रखते हैं। कोई विद्यार्थी जो इस विषय में ग्रेजुएशन और इसके बाद पीएचडी में प्रवेश लेना चाहते हैं वे इस विश्वविद्यालयों में प्रवेश ले सकते हैं।
अतः विद्यार्थियों के सामने एक नया विषय पत्रकारिता एवं जनसंचार उपलब्ध है जिसका चयन कर करियर में अपार संभावनाएं सृजित की जा सकती हैं और अपने सपनों को नये पंख दिया जा सकता है।