दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह आश्वासन दिया है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को जल्द ही भारतीय धरती पर उनके नापाक कृत्यों का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। रक्षा मंत्री ने नई दिल्ली में 23 अप्रैल, 2025 को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के मार्शल अर्जन सिंह पर एक स्मारक व्याख्यान देते हुए यह बात कही। उन्होंने आतंकवाद कतई बर्दाश्त न करने के भारत के दृढ़ संकल्प को दोहराया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार हर आवश्यक तथा उचित कदम उठाएगी।
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत एक पुरानी सभ्यता है और इतना बड़ा देश कभी भी किसी भी आतंकी गतिविधि से घबरा नहीं सकता है। उन्होंने कहा कि इस कायराना हरकत के खिलाफ हर भारतीय एकजुट है। श्री सिंह ने कहा कि न केवल हमला करने वालों को, बल्कि भारतीय धरती पर ऐसे नापाक कृत्य करने के लिए पर्दे के पीछे से साजिश रचने वालों को भी जल्द ही उचित जवाब दिया जाएगा।
रक्षा मंत्री ने सीमा पार से सहायता प्राप्त आतंकवादी घटनाओं के संदर्भ में कहा, “इतिहास साक्षी रहा है कि देशों का पतन दुश्मन की हरकतों के कारण नहीं, बल्कि उनके अपने कुकर्मों के कारण हुआ है। उन्होंने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि सीमा पार के लोग इतिहास के सबक को और करीब से देखेंगे।”
राजनाथ सिंह ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों द्वारा धर्म को निशाना बनाकर किए गए कायराना हमले में हमारे देश ने कई निर्दोष नागरिकों को खो दिया है। इस अत्यंत अमानवीय कृत्य ने हमें बहुत पीड़ा पहुंचाई है। रक्षा मंत्री ने दुःख की इस घड़ी में दिवंगत जनों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
बाद में रक्षा मंत्री ने भारतीय वायु सेना के मार्शल अर्जन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके नेतृत्व, दूरदर्शिता एवं समर्पण को अविश्वसनीय बताया। उन्होंने कहा कि वे एक दूरदर्शी सैन्य अधिकारी थे, जो आज भी युवाओं को प्रेरित करते हैं। यदि आज भारतीय वायु सेना दुनिया की सबसे मजबूत वायु सेनाओं में से एक है, तो यह भारतीय वायु सेना के मार्शल अर्जन सिंह जैसे सैन्य अधिकारियों के दूरगामी दृष्टि कोण और मूल्यों की वजह से है।”
राजनाथ सिंह ने भारतीय वायुसेना की शुरू से अब तक की यात्रा को एक महत्वाकांक्षी, प्रेरणादायक और परिवर्तनकारी बताया, जो न केवल आसमान छूने के बारे में है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण को वास्तविकता में बदलने के बारे में भी है। उन्होंने कहा कि चुनौतियों के बावजूद, भारतीय वायुसेना स्वतंत्रता के बाद और अधिक मजबूत हुई है। श्री सिंह ने कहा कि भारतीय वायुसेना आज एक सशक्त स्तंभ के रूप में राष्ट्रीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।
मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार का ध्यान सशस्त्र बलों को आत्मनिर्भर रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र के आधार पर रूपान्तरित करने में है। उन्होंने भारतीय वायुसेना को क्षेत्र में एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित करने की प्रतिबद्धता दोहराई। श्री सिंह ने कहा कि आत्मनिर्भरता की ओर यात्रा एक साझा जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि प्रतिबद्धता, सहयोग और एकीकृत दृष्टिकोण समय की मांग है। रक्षा मंत्री ने कहा कि यदि वर्तमान में भारतीय वायुसेना अच्छी तरह से सुसज्जित व अत्यधिक प्रौद्योगिकी-उन्मुख है, तो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और भी मजबूत होगी।