मिलान। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि कई सरकारें कई दशकों तक कुछ हासिल नहीं कर सकीं, क्योंकि उनकी डिलीवरी कुशल नहीं थी, लेकिन पिछले 10 वर्षों में बिना किसी भेदभाव के हर नागरिक के लिए जो मुख्य रूप से दिया जाना था, वह दिया गया है।
श्रीमती सीतारमण ने यहां आयोजित एक संवाद कार्यक्रम के दौरान प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान वित्त मंत्री ने भारत में समावेशी वृद्धि और विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की प्रमुख पहलों और उपायों पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्थानीय अर्थव्यवस्था और समाज में प्रवासी भारतीयों के सकारात्मक योगदान की भी सराहना की।
उन्होंने कहा कि दुनिया भर में प्रवासी भारतीयों का बहुत सम्मान किया जाता है। प्रवासी भारतीयों को संबंधित अर्थव्यवस्थाओं में बहुत रचनात्मक, सकारात्मक योगदानकर्ता के रूप में देखा जाता है और परिणामस्वरूप आप (भारतीय प्रवासी) भारत के लिए बहुत गर्व की बात है, क्योंकि प्रवासी भारतीय कानून का पालन करने वाले नागरिक के रूप में उस अर्थव्यवस्था की परवाह करने वाले और उससे जुड़े हुए नागरिक के रूप में काम करने के साथ ही अपनी मातृभूमि से भी जुड़े हुए हैं।
उन्होंने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) सहित सरकार की विभिन्न डिलिवरी माध्यमों और जनकल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि यूपीआई में तेजी से वृद्धि हुई है। अकेले मार्च 2025 के महीने में यूपीआई के माध्यम से 24 लाख करोड़ रुपये के 1,800 करोड़ लेनदेन किए गए।
उन्होंने कहा “आप कल्पना कर सकते हैं कि यूपीआई कितनी मजबूती से काम करता है। आज भारत में 55.17 करोड़ जन धन खाते हैं जिनमें 2.614 लाख करोड़ रुपये जमा हैं।”