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क्रेडा ने विकसित किया स्वचालित रोबोटिक सोलर क्लीनर सिस्टम, अब सोलर संयंत्रों की सफाई होगी अधिक स्मार्ट और प्रभावी

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रायपुर। राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही छत्तीसगढ़ अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) ने एक और उल्लेखनीय नवाचार किया है। क्रेडा द्वारा तैयार किया गया “रोबोटिक सोलर मॉड्यूल क्लीनर” अब सोलर संयंत्रों की नियमित सफाई का कार्य अत्याधुनिक तकनीक से करेगा।
इस स्वदेशी रूप से विकसित रोबोटिक सिस्टम को प्रायोगिक रूप से दो स्थानों—क्रेडा के ऊर्जा शिक्षा उद्यान में स्थापित सोलर हाई मास्ट तथा ग्राम टेमरी में जल जीवन मिशन अंतर्गत लगे सोलर ड्यूल पंप संयंत्र में लगाया गया है। इसका निरीक्षण स्वयं क्रेडा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राजेश सिंह राणा ने 29 मई को किया।

जरूरत से उपजा नवाचार
प्रदेश में अब तक लगभग ढाई लाख सौर संयंत्रों की स्थापना क्रेडा द्वारा की जा चुकी है। इन संयंत्रों की निरंतर कार्यशीलता बनाए रखने के लिए क्रेडा ने प्रभावी रखरखाव प्रणाली स्थापित की है। किंतु संयंत्रों की संख्या में निरंतर वृद्धि के कारण, उनके मुख्य घटक—सोलर पैनलों की समय-समय पर सफाई—एक बड़ी चुनौती बनती जा रही थी।
धूल, मिट्टी और प्रदूषण के कारण पैनलों की सतह पर जमा गंदगी उनकी ऊर्जा उत्पादन क्षमता में 20 से 30 प्रतिशत तक की गिरावट ला सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी के मार्गदर्शन में श्री राणा के नेतृत्व में इस समस्या का तकनीकी समाधान निकाला गया, जिससे सौर संयंत्रों की दीर्घकालीन कार्यक्षमता और दक्षता सुनिश्चित हो सके।

मुख्य विशेषताएं एवं लाभ
● स्वचालित सफाई: यह रोबोटिक क्लीनर बिना मानवीय हस्तक्षेप के सोलर पैनलों को समय-समय पर साफ करता है।
● जल रहित संचालन: विशेष रूप से डिजाइन किया गया है जिससे यह बिना पानी के भी पैनलों की सफाई कर सकता है — यह तकनीक जल संरक्षण में सहायक है।
● सौर ऊर्जा से संचालित: यह खुद सोलर एनर्जी से चलता है, जिससे इसकी संचालन लागत नगण्य होती है।
● कम रखरखाव: न्यूनतम मरम्मत की आवश्यकता, जिससे दीर्घकालिक लागत घटती है।
● उत्पादन में वृद्धि: नियमित सफाई से पैनलों की ऊर्जा उत्पादन क्षमता अधिकतम बनी रहती है।
भविष्य की योजनाएं
प्रारंभिक सफलता के उपरांत इस रोबोटिक क्लीनर को राज्य के अन्य सोलर संयंत्रों में भी चरणबद्ध रूप से तैनात किए जाने की योजना है। इसके साथ ही, क्रेडा इस नवाचार को अन्य राज्यों के साथ साझा कर राष्ट्रीय स्तर पर मॉडल के रूप में प्रस्तुत करने की दिशा में भी प्रयासरत है।
क्रेडा का दृष्टिकोण
प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के कुशल नेतृत्व में श्री राजेश सिंह राणा द्वारा सीईओ पदभार ग्रहण करने के बाद से गुणवत्ता, पारदर्शिता और नवाचार को क्रेडा की कार्यप्रणाली का मूल आधार बनाया गया है। नतीजन, आज क्रेडा के संयंत्र न केवल तकनीकी दृष्टि से उत्कृष्ट हैं, बल्कि स्थायित्व और परिणामकारिता में भी अग्रणी हैं।
क्रेडा का यह नया कदम न केवल तकनीकी दक्षता और ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देगा, बल्कि राज्य को स्मार्ट और आत्मनिर्भर ऊर्जा प्रबंधन की ओर भी अग्रसर करेगा। यह पहल हरित ऊर्जा क्रांति में एक नया अध्याय जोड़ने वाली साबित हो रही है।

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