बिलासपुर/रायपुर। बिलासपुर–झारसुगुड़ा चौथी रेललाइन परियोजना (206 किमी), जिसकी अनुमानित लागत लगभग ₹2100 करोड़ है, के अंतर्गत कोतरलिया से जमगा खंड (7.8 किमी) को मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त से संचालन की स्वीकृति प्राप्त हो गई है।


यह स्वीकृति परियोजना के क्रियान्वयन में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो रेल यातायात को और अधिक तीव्र, संरक्षित और समयबद्ध बनाएगी।
उल्लेखनीय है कि इस परियोजना के तहत 21 से 24 अप्रैल 2025 तक ट्रैफिक एवं पावर ब्लॉक लेकर कोतरलिया स्टेशन यार्ड का मॉडिफिकेशन कार्य भी पूर्ण किया गया, जिससे परिचालनिक संरचना को आधुनिक स्वरूप प्रदान किया गया।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में क्षमता विस्तार हेतु नई रेल लाइन, दोहरीकरण, तीसरी एवं चौथी रेल लाइन जैसी कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर तीव्र गति से कार्य किया जा रहा है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य रेल नेटवर्क की दक्षता, यात्री सुविधाओं में सुधार और रेल संचालन की विश्वसनीयता को और अधिक सुदृढ़ बनाना है।
परियोजना से होने वाले प्रमुख लाभ:
* चौथी रेल लाइन के माध्यम से ट्रेनों की समयबद्धता में सुधार होगा, जिससे यात्रियों को अधिक भरोसेमंद सेवा प्राप्त होगी।
* ट्रेनों का निर्बाध परिचालन सुनिश्चित होगा, जिससे यात्रा की अवधि में कमी आएगी और परिचालन में गतिशीलता बढ़ेगी।
* कोतरलिया यार्ड के मॉडिफिकेशन से ट्रेनों की गति और समयपालन में सुधार होगा तथा लाइन की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
* परियोजना से इस अंचल के यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्राप्त होंगी और क्षेत्र में व्यापार, उद्योग व परिवहन क्षेत्र में नई संभावनाएं प्रबल होंगी।
* आसपास के क्षेत्रों को बेहतर रेल संपर्क मिलेगा, जिससे सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों को बल मिलेगा।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे रेल यात्रियों की सुविधा हेतु पूर्णतः प्रतिबद्ध है। क्षमता आवर्धन के कार्यों को तीव्र गति से क्रियान्वित किया जा रहा है। इन प्रयासों से आने वाले दिनों में इस क्षेत्र के निवासियों एवं रेल यात्रियों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ प्राप्त होगा।