भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में सिरमौर बनाने के लिये प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा देश में वर्ष 2030 तक 500 गीगावॉट तक सौर ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के स्वप्न को साकार करने में मध्यप्रदेश शत-प्रतिशत योगदान देगा। उन्होंने कहा कि भोपाल में सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना समिट में देश एवं प्रदेश के 350 से अधिक निवेशकों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की है। सभी के उत्साह का ही परिणाम है कि योजना में 20 हजार करोड़ से अधिक राशि का निवेश होना संभावित है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में ‘सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना’ समिट को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्लोबल एक्सपर्ट एवं जेआईजेड के प्रोजेक्ट डायरेक्टर श्री बर्नार्ड क्रूजबर को तकनीकी सहयोग के लिए सम्मानित किया।


मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नायक हैं। श्री मोदी के नेतृत्व में हर क्षेत्र में विकास हो रहा है। ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। प्रदेश में सोलर तथा पवन ऊर्जा का बड़े पैमाने पर उत्पादन हो रहा है। मध्यप्रदेश के सोलर ऊर्जा उत्पादन से नई दिल्ली में मेट्रो ट्रेन चल रही है और कई घरों को बिजली मिल रही है। निकट भविष्य में पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर 6-6 महीने बिजली उपलब्धता के लिए सोलर प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के कार्यकाल में राज्यों के बीच सौहार्द्र का वातावरण बना है। मध्यप्रदेश ने उत्तरप्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र के साथ नदी जोड़ो परियोजनाएं शुरू की हैं। ऊर्जा उत्पादन में नागरिकों को जोड़कर अभियान चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सूर्य अनंत ऊर्जा का भंडार है। सूर्य देव हमारे सौरमंडल में ऊर्जा के प्रमुख केंद्र हैं। ऋषि-मुनियों ने बताया है कि सभी ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं। प्रकाश से ही जीवन मिलता है। सनातन संस्कृति में सभी कार्यक्रमों की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से होती है, जो कि सूर्य आराधना का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य में ऊर्जा और नवकरणीय ऊर्जा विभाग मिलकर कार्य कर रहे हैं। सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना में छोटे-छोटे निवेशकों को भी जोड़ना एक सराहनीय प्रयास है। मध्यप्रदेश सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के कार्यकाल के 11 साल में बड़े बदलाव आए हैं। मध्यप्रदेश बिजली के मामले में सरप्लस है। मोहासा बाबई में नवकरणीय ऊर्जा के उपकरण निर्माण के लिए 22 इकाइयों का भूमि-पूजन किया जा चुका है इससे 24 हजार रोजगार सृजित होंगे। वर्ष 2025 तक प्रदेश के सभी शासकीय भवनों पर सोलर रूफटॉप लगाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि महेश्वर में बना फ्लोटिंग एनर्जी पार्क अद्भुत है। नीमच और रीवा में बड़े सोलर प्रोजेक्ट संचालित हैं। प्रदेश की नवकरणीय ऊर्जा क्षमता 15 गुना बढ़ चुकी है, जिसमें सौर ऊर्जा में 48 प्रतिशत और पवन ऊर्जा के क्षेत्र में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्तमान में राज्य में 9300 मेगावॉट से अधिक नवकरणीय ऊर्जा की परियोजनाएं संचालित हैं। अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं पर बैंक सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि सोलर एनर्जी से किसानों की जीवन-शैली भी बदलेगी। सोलर एनर्जी से कोयला भंडार भी भरा रहेगा। सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाते हुए बिजली के बिल से मुक्ति दिलाएगी। आगामी तीन वर्ष में 32 लाख सोलर पंप कनेक्शन लगाए जाएंगे।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री राकेश शुक्ला ने कहा कि समिट के आयोजन से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सौर ऊर्जा में देश को अग्रणी बनाने के स्वप्न को पूरा करने में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा प्रदेश की ओर से किये जाने वाले अभूतपूर्व योगदान के संकल्प को पूरा करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में दिशा और दशा को बदलने का कार्य हो रहा है। यह समिट ‘सूर्य मित्र कृषि फीडर’ योजना को क्रियान्वित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। प्रदेश में इस योजना में 1900 सब-स्टेशनों पर 100 प्रतिशत क्षमता तक की परियोजनाओं का क्रियान्वयन मिशन मोड में किया जायेगा। योजना में निवेशकों को अपनी परियोजनाओं के लिये 1.5 करोड़ रूपये प्रति मेगावॉट का केन्द्रीय अनुदान चुनने की स्वतंत्रता दी गई है। मंत्री श्री शुक्ला ने बताया कि देश में इस प्रकार की परियोजनाओं को रिएक्टिव पॉवर से संबंधित प्रोत्साहन देने का नवाचार प्रदेश में किया जा रहा है। यह योजना प्रधानमंत्री श्री मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ के मिशन को भी गति प्रदान करेगी। इसमें स्थानीय उद्यमियों के लिये निवेश एवं रोजगार सृजन के पर्याप्त अवसर उपलब्ध होंगे।
मंत्री श्री शुक्ला ने कहा कि ‘सूर्य मित्र कृषि फीडर’ योजना में परियोजनाओं को भारत सरकार द्वारा कृषि अवसंरचना निधि (एआईएफ) में 7 वर्ष तक 3 प्रतिशत ब्याज में छूट मिलेगी। यह छूट निवेशकों को राहत देगी। उन्होंने बताया कि परियोजनाओं के विस्तार और कार्यान्वयन के लिये जर्मन सरकार की संस्था जीआईजेड से तकनीकी सहयोग भी लिया जा रहा है। मंत्री श्री शुक्ला ने कहा कि परियोजनाओं के लिये सुगम एवं व्यवस्थित वित्त पोषण को सुनिश्चित करने के लिये स्टेट बैंक, सेंट्रल बैंक और एयू स्मॉल बैंक इत्यादि से एमओयू हुआ है। निवेशकों को इन बैंकों के मार्फत फाइनेंस सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी।
ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम सिंह तोमर ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में बिजली की कमी दूर करने के लिए ग्रीन एनर्जी पर जोर दिया जा रहा है। वे भावी पीढ़ियों के लिए कार्य कर रहे हैं इससे पर्याप्त बिजली और प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के साथ हमारा विभाग मिलकर कार्य कर रहा है। सोलर पंप लगने से किसानों को लाभ मिलेगा। सरकार किसानों से अतिरिक्त बिजली भी खरीदेगी। बिजली से बचत की राशि स्कूल, अस्पताल जैसी बुनियादी सुविधाएं विकसित करने पर खर्च की जाएगी।
अपर मुख्य सचिव नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा श्री मनु श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में किसानों को दिन में भी और अधिक सौर ऊर्जा उपलब्ध कराने के लिये महत्वपूर्ण कार्य किये जा रहे हैं। सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना जैसी महत्वाकांक्षी परियोजना को धरातल पर उतारने का महती कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के क्रियान्वयन में आने वाली दिक्कतों का हर संभव समाधान किया जायेगा।
अपर मुख्य सचिव ऊर्जा श्री नीरज मण्डलोई ने कहा कि प्रदेश में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। इसमें सभी की उत्साहपूर्वक सहभागिता प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के ऊर्जावान मार्गदर्शन में उत्पादन एवं वितरण से संबद्ध विभाग तत्परतापूर्वक कार्य कर रहे हैं। अपर मुख्य सचिव ऊर्जा श्री मंडलोई ने कहा कि प्रदेश में नवीन ऊर्जा के विकास के लिए यह समिट अत्यंत महत्वपूर्ण है। किसान अब अपनी बिजली बनाकर अपने सिंचाई पंप चला रहे हैं। प्रधानमंत्री कुसुम-ए परियोजना के बाद भारत सरकार ने पीएम कुसुम-सी परियोजना के अंतर्गत प्रदेश सरकार को 3.50 लाख यूनिट का लक्ष्य दिया है। यह करीब 1725 मेगावॉट क्षमता के रूप में परिलक्षित होता है।
शुरूआत में मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम के एमडी श्री अमनबीर सिंह बैंस ने ‘सूर्य मित्र कृषि फीडर’ योजना और इसके क्रियान्वयन संबंधी जानकारी निवेशकों को विस्तार से प्रदान की। उन्होंने निवेशकों के लिये टेंडर डॉक्यूमेंट की प्रक्रियागत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में ‘सूर्य मित्र कृषि फीडर’ योजना में पीएम कुसुम-सी में किये गये प्रावधानों से निवेशकों और किसानों को लाभान्वित किया जायेगा। वृहद स्तर पर लागू की जा रही योजना की एक इकाई की क्षमता औसतन 5 मेगावॉट की है इसमें कुल 20 करोड़ रूपये के निवेश की आवश्यकता है। प्रत्येक जिले में चुने गये सब-स्टेशन पर स्थानीय उद्योगपति, निवेशक, विकासक और कृषक निवेश कर राज्य के विकास में सहभागी बन सकेंगे इससे 25 वर्ष के लिये व्यापार और आय के अवसर सृजित होंगे। साथ ही सस्ती बिजली भी मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट की संभावनाओं को देखते हुए निरंतर कार्यशालाओं का आयोजन कराया जायेगा, जिसमें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्रशिक्षण के लिये जीआईजेड संस्था के साथ मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम ने डेढ़ वर्ष का अनुबंध किया है इससे सोलर परियोजनाओं को नये आयाम मिलेंगे। समय-सीमा में परिेयोजनाओं को पूर्ण करने के लिये भावी निवेशकों और विकासकों को सहजता एवं सुलभतापूर्वक न्यूनतम दस्तावेजीकरण के साथ उपयुक्त अनुमति प्रदाय करने सिंगल विंडो सिस्टम से योजना को क्रियान्वित करने पर कार्य चल रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यशाला में सक्रिय रूप से उपस्थिति दर्ज कराने वाले श्री अतुल कुमार, श्री नितिन भार्गव, श्री दिव्यांश शर्मा, श्री देवेंद्र सिंह चौहान, सुश्री अनामिका कुमारी को प्रमाण पत्र वितरित किए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नवीन ऊर्जा परियोजना में निवेश करने वाले श्री अभिषेक तिवारी नीमच, श्री हरचंद्र महेश्वरी देवास, श्री विनोद पोरवाल, श्री सुरेंद्र सिंह भोपाल, श्री निर्मला बरखा पंजापुरा को लेटर ऑफ अवॉर्ड भी सौंपे। कार्यक्रम में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर,मधुबनी के सांसद श्री अशोक यादव, प्रबंध संचालक श्री अविनाश लवानिया, निवेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना
प्रधानमंत्री कुसुम योजना का विस्तार करते हुए सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना ग्रिड से जुड़े हुए कृषि पम्पों को सौर ऊर्जा से बिजली देने के लिए फीडर पर सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की जा रही है। कृषि क्षेत्र में देश में मध्यप्रदेश अग्रणी राज्य है यहाँ पर सिंचाई सुविधाओं के लिए लगभग 8000 पृथक कृषि फीडर्स स्थापित किये गए हैं। लगभग 35 लाख कृषि पम्प हैं। प्रधानमंत्री कुसुम योजना का विस्तार करते हुए सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना के अंतर्गत लक्ष्यों से अधिक सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की जायेगी।
मुख्य उद्देश्य
सूर्य मिश्र कृषि फीडर योजना में संचालित होने वाली परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य कृषि लोड का दिन में प्रबंध करना, किसानों की जीवन-शैली को व्यवस्थित करने के लिये उन्हें सिंचाई के लिये दिन में बिजली उपलब्ध कराना है। इससे सीधे 11 किलो वोल्ट साइड पर बिजली देने से सबस्टेशन के सभी फीडरों को दिन में एक साथ बिजली दी जा सकेगी। इस व्यवस्था के लिए विद्युत सबस्टेशन के सुधार/नए ट्रांसफार्मर पर होने वाले तात्कालिक खर्चे कम हो सकेंगे। योजना का उद्देश्य म.प्र. पॉवर मेनेजमेंट कंपनी लिमिटेड को कम दर पर विद्युत उपलब्ध करवाना है। साथ ही सीधे विद्युत खपत स्थल पर ऊर्जा प्रदाय कर पारेषण हानि को कम करना भी इसका उद्देश्य है। 33/11 किलोवोल्ट विद्युत वितरण उपकेन्द्रों पर स्थापित पावर ट्रांसफार्मर पर ओवर-लोडिंग, लो-वोल्टेज एवं पावर कट की समस्या कम करने के साथ रिएक्टिव पॉवर के उपयोग से ग्रिड स्टेबिलिटी का प्रबंधन किया जा सकेगा।