बता दे कि ओपी चौधरी ने कहा कि ” रविवार को आयोजित CGPSC प्रीलिम्स की परीक्षा में पूछे गए कुछ प्रश्नों में सही विकल्प ही नहीं दिया गया. कुछ प्रश्नों के विकल्प में 200 वर्षों का अंतर है, अब बच्चों से यह पूछा जा रहा है कि राजनांदगांव में सीएम ने भेंट मुलाकात कब की. यह सब जानबूझकर इसीलिए किया जा रहा है कि एक गांव का गरीब व्यक्ति कभी आगे ना बढ़ सके. हमारा सीजीपीएससी भ्रष्टाचार, स्तरहीनता की पराकाष्ठा को पार कर रहा है. यह गांव-गांव से आये बच्चों और उनके माता-पिता के साथ सबसे बड़ा अन्याय है.
भाजपा प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी ने कहा ” मैं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग से यह कहना चाहूंगा. देश के अन्य प्रदेशों के पीएससी-यूपीएससी स्टैंडर्ड को मैच करके अपने क्वालिटी और पारदर्शिता में सुधार करें. लेकिन दुर्भाग्य की बात है छत्तीसगढ़ PSC में स्तरहीनता और भ्रष्टाचार की स्थिति निर्मित हो रही है. छत्तीसगढ के गांव-गांव के बच्चे जो अपने जीवन में अच्छे भविष्य की कामना करते हैं. उनके साथ एक बड़ा धोखा हो रहा है.