राजिम। राजिम पुन्नी मेला के अवसर पर 14 से 18 तक आयोजित संत समागम में छत्तीसगढ़ संत संगठन सदगुरु कबीर विश्व शांति मिशन जो 120 आश्रमों के संतों का संगठन है संतो ने हर कदम खुशियों की ओर आयोजन के साथ सभा को संबोधित किया। संगठन के अध्यक्ष संत रविकर साहेब ने कहा कि सदगुरु कबीर मानवीय एकता के मसीहा और शांति के उद्घोषक हैं। जिन्होंने बाहर के भटकाव से रुक कर अंतरात्मा में परमात्मा की प्राप्ति की बात कहते हुए कहा कि अंतरात्मा में लौट आना ही सत्संग है। जीवो पर दया करना और आत्मा की पूजा करना ही असली धर्म है। संत श्री घनश्याम साहेब ने कहा कि माननीय मूल्यों की पहचान कर, बाहर संप्रदायवाद मतवाद से हटकर अपने अपने अस्तित्व में स्थापित रहे।
संत बलवान साहब ने कहा कि प्रेम से जीना ही मानव का मूल कर्तव्य है। संत भुनेश्वर साहेब ने कहा सत्य को निर्भीकता पूर्वक समाज में रखने से समाज में जागृति आती है। संत जितेंद्र साहब ने कहा समाज का निर्माण समाज सेवा ही प्रभु की सेवा है। साध्वी सुषमा ने कहा कि मनुष्य गुणों से महान होता है। साध्वी राधा ने कहा जड़ और चेतन दोनों का संबंध जीवन है चेतन आपका मूल स्वरूप है। संत पवन साहब ने भजन से लोगों को बताया कि संत गुरुजनों के संगति से जीवन में सुख मिलता है। संत उमेंद्र साहब और साध्वी लता ने भजन से लोगों को संदेश दिए। इस अवसर पर साध्वी भागवती, साध्वी मनिप्रभा, साध्वी दुलारी, साध्वी सेवती, संत हेमेंद्र साहब, गुरु पालन साहेब, शोधकर साहब, बोधकर साहेब, साध्वी विवेक, साध्वी सीता, साध्वी संतोषी, साहब भुनेश्वर सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु सत्संग का श्रवण करने पहुंचे थे।