रायपुर : छत्तीसगढ़ की मुख्य राजधानी से लगभग 25 किलोमीटर दूर नवा रायपुर में मंगलवार को ट्रेन चलाई गई। इस ट्रायल का अब वीडियो सामने आया है। मंदिरहसौद से नवा रायपुर केंद्री के बीच ये ट्रायल हुआ। यहां नया रेलवे ट्रैक तैयार हो गया। इस ट्रेन करीब 120 की स्पीड से पटरी पर दौड़ी। करीब 20 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक पर स्पीड ट्रायल सफल रहा। अब नवा रायपुर, रायपुर रेलवे स्टेशन और विशाखापट्टनम रूट से रेलमार्ग से सीधे जुड़ गया है। विशाखापट्टम से आने वाली ट्रेनों को मंदिरहसौद से डायवर्ट कर नवा रायपुर लाया जा सकेगा।
यहां से ट्रेन रायपुर के मुख्य स्टेशन पहुंचेगी। रेलवे के अफसरों के अनुसार अब केवल मुख्य सुरक्षा आयुक्त से ट्रैक पर नियमित ट्रेन दौड़ाने के प्रमाणपत्र का इंतजार है। उनकी ओर से हरी झंडी मिलने के बाद जरूरत के हिसाब से यहां ट्रेनों का परिचालन शुरू किया जाएगा। अभी नवा रायपुर में केंद्री तक ही ट्रेनों का परिचालन शुरू किया जा सकेगा। इस साल के अंत तक यहां परिचालन शुरू किया जा सकता है। रायपुर की ट्रेनों का स्टोपेज यहाँ भी किया जा सकेगा, कई ट्रेनों को जरूरत के मुताबिक यहाँ स्टॉपेज देने की भी योजना है।
शहर के बीच से गुजरेगी, पर कहीं रेलवे फाटक नहीं होगा :
नवा रायपुर में ट्रेन शहर के बीचोबीच से गुजरेगी। सीबीडी एरिया, मुक्तांगन, राज्योत्सव स्थल और मंत्रालय जाने वाली मेन रोड के बाजू से ट्रैक गुजारा गया है, लेकिन कहीं भी रेलवे फाटक नहीं है। शहर बसने के पहले ही पटरी के नीचे पुल बना दिया गया है। रेलवे फाटक न होने से सड़क से गुजरने वाले ट्रैफिक को किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी।
प्रस्तावित चार स्टेशन बनाएगा रेलवे :
नवा रायपुर में कुल पांच रेलवे स्टेशन हैं। इसमें अटल नगर, उद्योग नगर, सीबीडी, मुक्तांगन और केंद्री शामिल हैं। केंद्री स्टेशन का निर्माण रेलवे को पूरा करना था। रेलवे ने इसे दो साल में बना दिया है। बाकी चारों स्टेशनों का निर्माण नवा रायपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी को करना है। इसमें सीबीडी रेलवे स्टेशन का प्लेटफार्म बन गया है। मंदिर हसौद और केंद्री स्टेशन पर सिग्नल रहेगा बाकी अन्य स्टेशन पैसेंजर हाल्ट बनाए जाएंगें। इसलिए इन स्टेशनों पर अस्थाई तौर पर टिकट काउंटर बनाया जाएगा। इसके बाद धमतरी से आने वाले यात्रिओं को भी सुविधा हो जायेगी।
मुख्य सुरक्षा आयुक्त ने किया निरीक्षण :
नए रेलवे ट्रैक पर ट्रेन का ट्रायल करने के पहले रेल सुरक्षा आयुक्त की टीम ने मंदिरहसौद से उद्योगनगर, सीबीडी, मुक्तांगन और केंद्री तक पूरे ट्रैक का निरीक्षण किया था। किसी भी नए रेलवे ट्रैक का काम पूरा होने से पहले मुख्य सुरक्षा आयुक्त के नेतृत्व में ट्रायल होता है। टीम के संतुष्ट होने पर प्रमाण पत्र मिलता है। उसके बाद ही उस ट्रैक पर ट्रेनों का परिचालन शुरू किया जाता है। टीम ने पटरी की जांच कर ली है।
रेलवे अफसरों के अनुसार निरीक्षण टीम को ट्रैक पर किसी प्रकार की कमी नहीं मिली है। डीआरएम रायपुर रेलवे मंडल संजीव कुमार ने बताया कि नवारायपुर में सीआरएस की टीम ने जांच किया है। जांच में सही पाया गया है। मुख्य सुरक्षा आयुक्त के गाड़ी चलाने की परमिशन देंगे उसके बाद ट्रेन चलने लगेगी। अब इसका काम लगभग समाप्ति की ओर है, इस वर्ष के अंत तक ट्रेनें पटरी पर आ जाएँगी।