एक हिंदू राष्ट्र के निर्माण में शिशु मंदिर अग्रणी संस्था के रूप में कार्य कर रहा हैं-वीरेंद्र कुमार साहू।
नवापरा राजिम-शिक्षा सत्र 2022-23 के वर्ष भर के कार्यों का मूल्यांकन करने के लिए सरस्वती शिशु मंदिर नवापारा में सत्रांत बैठक आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि के रूप में श्रीराम जानकी शिक्षण समिति के अध्यक्ष विनोद शर्मा,अध्यक्षता व्यवस्थापक वीरेंद्र कुमार साहू विशेष अतिथि उपाध्यक्ष प्रफुल्ल दुबे, सहसचिव व्यास नारायण चतुर्वेदी एवं विदयालय के प्राचार्य कृष्ण कुमार वर्मा ने सरस्वतीमाता भारतमाता ओम के समक्ष दीप प्रज्जवलि कर किया।
सरस्वती वंदना के पश्चात् परिचय विद्यालय के पूर्व प्राचार्य नरेश यादव ने दिया।
अध्यक्ष विनोद कुमार शर्मा ने कहा एक सक्रीय कर्मठ और मेहनती शिक्षक ही विद्यालय की धुरी होते हैं।त्याग-तपस्या समर्पण से वे बच्चो को सींचकर पुष्पित और पल्लवित करते हैं। आचरण से शिक्षा देना एक आचार्य का प्रमुख कर्तव्य हैं सभी संगठित भाव से कार्य कर विद्यालय को सफ़लता के शिखर पर ले जा रहे हैं इसमें दो मत नहीं।
व्यवस्थापक वीरेंद्र कुमार साहू ने कहा-शिशु मंदिर का उद्देश्य समस्त मानव को एक साथ जोड़ना और वसुदेव कुटुंबकम् के भाव का विकास करना हैं।एक व्यापक सोच के साथ आगे बढ़कर यहां के संस्कार को घर-घर स्थापित करने का काम शिशु मंदिर के द्वारा हो रहा हैं ।एक हिंदू राष्ट्र का निर्माण करने में यह अग्रणी संस्था है आज जहां पूरा देश पाश्चत्य संस्कृति का अनुकरण कर अंग्रेजी की बैसाखी का सहारा लेकर अपने धर्म और सभ्यता को भूलते जा रहे हैं वहीं शिशु मंदिर अपनी प्राचीन परंपरा का का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं।
उपाध्यक्ष प्रफुल्ल कुमार दूबे ने कहा-अपने विषय का पूर्ण ज्ञान रखे शिक्षक और बच्चों की हर जिज्ञासा को शांत करने मे सक्षम बने आपका विषय में पकड़ मजबूत हो विदयालय में इतने रोचक ढंग से पढाई हो की बच्चों को ट्यूशन जाने की ज़रूरत न हों विषय की तैयारी के साथ कक्षा में जाएं और अपने विषय के प्रति रुचि जागृत करें।
व्यास नारायण चतुर्वेदी ने कहा विद्यालय तो बहुत है लेकिन आज चरित्र निर्माण करने वाली शिक्षा की बहुत ज़रूरत हैं मोबाईल के मकड़ी जाल से बच्चों को निकालकर उन्हे बड़ों का सम्मान करना अपने लक्ष्य की ओर बढ़ना ग़लत संगती से दूर करना ज़रूरी हैं शिशु मंदिर इस दिशा मे प्रयासरत हैं जो महत्त्वपूर्ण कदम हैं।
विद्यालय के सुव्यवस्थित संचालन के लिए समस्त आचार्यों ने वर्ष भर किए अपने दायित्व का प्रतिवेदन प्रस्तुत किए। आगामी वर्ष के लिए चर्चा किया गया जिसमें निम्न बिंदुओं पर कार्य करने का निर्णय लिया गया। बच्चो को अच्छी शिक्षा संस्कार धर्म-संस्कृति शारीरीक मानसिक और बौद्धिक रूप से उन्हे प्रबल बनाकर देशभक्त युवापीढ़ी का निर्माण करना।।लुप्त हो रही भारतीय संस्कृति को पुनर्जीवित करके बच्चो को संस्कारक्षम वातावरण देना। शिशु मंदिर की शिक्षा से एक नवयुग के निर्माण में सहयोग प्रदान करना शिक्षा के साथ ही उन्हें कौशल विकास से जोड़ना जिससे वे आत्मनिर्भर बन सके। शिशु वाटिका में झूला फिसलपट्टी के साथ ही वहां आकर्षक बागवानी निर्माण करना खेल-खेल में शिक्षा देना और रंग बिरंगे छोटे कुर्सी टेबल की संख्या और बढ़ाना जिससे उन्हे कोई समस्या न हो पारिवारिक माहौल प्रदान करना स्वच्छता जल विद्युत की कमी को दूर करना वैज्ञानिक प्रतिभा को निखारने के लिए प्रयोगशाला में जाकर प्रैक्टिकल शिक्षा दिया जाना और आओ करके सीखे पर ध्यान केन्द्रित करना।
आभार प्राचार्य कृष्ण कुमार वर्मा ने किया।
इस अवसर पर समस्त आचार्य उपस्थित रहें
उक्त जानकारी प्रचार प्रसार से सरोज कंसारी ने दी।