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मन की बात के माध्यम से छत्तीसगढ़ के अनेक प्रसंग पूरे देश में चर्चित भी हुए और प्रेरणा भी बने – अशोक बजाज

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पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ के खेत खलिहान से लेकर राजधानी के कचरा महोत्सव को सराहा* 

नवापारा राजिम / जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ रेडियो श्रोता संघ के संयोजक अशोक बजाज ने एक विज्ञप्ति में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में छत्तीसगढ़ का अनेकों बार उल्लेख हुआ है. श्री मोदी की मन की बात हो और छत्तीसगढ़ का जिक्र ना हो यह कैसे हो सकता है. आकाशवाणी से मन की बात के अब तक 99 एपिसोड प्रसारित हो चुके है तथा शतकीय एपिसोड का प्रसारण 30 अप्रेल को होगा जिसका सभी देशवासी बेसब्री से इंतजार कर रहें है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन प्रायः देश, समाज व व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर होता है. उनकी चर्चा का विषय बड़ा व्यापक आता है. शायद ही कोई विषय ऐसा हो जो उनसे अछूता हो. अपने संवाद में वे सभी वर्गों व क्षेत्रों को समेट लेते हैं. मजे की बात तो यह है कि मन की बात में जिस व्यक्ति, क्षेत्र या विषय की चर्चा होती है वह तुरंत दुनिया भर में ट्रेंड हो जाता है. श्री बजाज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ के खेत खलिहान से लेकर राजधानी के कचरा महोत्सव तक का जिक्र कर सराहना कर चुके है. श्री मोदी ने 26 जुलाई 2015 को 10 वे एपिसोड में राजनांदगाव जिले के केसला गांव का उल्लेख किया तो पूरे छत्तीसगढ़ वासियों का सीना चौड़ा हो गया. हर जगह केसला गांव के लोगों की सोच और समझदारी की चर्चा होने लगी. इसी प्रकार उन्होंने 27 दिसंबर 2015 को 15 वी कड़ी में स्वामी विवेकानंद जी की जन्म-जयंती पर रायपुर में प्रस्तावित राष्ट्रीय युवा महोत्सव का जिक्र करते हुए देश भर के नवजवानों से सुझाव मांगें थे. श्री बजाज ने कहा कि जिस प्रसंग की जानकारी अच्छों अच्छों को नहीं होती लेकिन प्रधानमंत्री की पैनी निगाह उसे खोज लेती है, यही तो चमत्कार है. 
श्री मोदी ने रायपुर नगर निगम के कचरा महोत्सव की जमकर तारीफ की थी और इसे अनूठा प्रयास निरूपित करते हुए कहा था वेस्ट मैनेजमेंट और स्वच्छता के महत्व को जिस अभिनव तरीक़े से इस महोत्सव में प्रदर्शित किया गया, इसके लिए रायपुर नगर निगम, पूरे छत्तीसगढ़ की जनता और वहां की सरकार और प्रशासन को मैं ढ़ेरों बधाइयाँ देता हूँ। 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बस्तर के बीजापुर में आई ई डी ब्लास्ट में शहीद सीआरपीएफ के स्निफर डॉग ‘क्रेकर’  उल्लेख करते हुए कहा था – ‘आत्मनिर्भर भारत, जब जन-मन का मन्त्र बन ही रहा है, तो कोई भी क्षेत्र इससे पीछे कैसे छूट सकता है |’  इसी प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी के दौरान देश की जनता की जिस प्रकार हौसला अफजाई की वह किसी से छुपी नहीं है. उन्होंने कोरोना वारियर्स का हौसला भी डिगने नहीं दिया। उन्होंने रायपुर के डॉक्टर बी.आर. अम्बेडकर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में कार्यरत एक नर्स भावना ध्रुव से सीधे बात की थी। मुश्किल दौर में इस मोदी मन्त्र से देश भर के कोरोना वारियर्स को एक प्रकार से  संजीवनी मिल गई.  इसी प्रकार उन्होंने छत्तीसगढ़ के देऊर गाँव की महिलाओं द्वारा गाँव के चौक-चौराहों, सड़कों और मंदिरों की सफाई कार्य का जिक्र करते हुए सराहना की थी . 
श्री मोदी नारायणपुर बस्तर के ‘मावली मेले’ का भी उल्लेख मन की बात में कर चुके है. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष का जिक्र करते हुए कहा था – “अगर आपको छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जाने का मौका मिले तो यहाँ के ‘मिलेटस कैफे’ जरुर जाइएगा। कुछ ही महीने पहले शुरू हुए इस ‘मिलेटस कैफे’ में चीला, डोसा, मोमोस, पिज़्ज़ा और मंचूरियन जैसे आईटम खूब पॉपुलर हो रहे हैं।” आगे उन्होंने बिलासपुर में आठ प्रकार के मिलेट्स का आटा और उसके व्यंजन बनाने के काम में लगे के एफपीओ की जानकारी दी. इसी एपिसोड में उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदाय हमारी धरती, हमारी विरासत का अभिन्न हिस्सा रहे हैं। देश और समाज के विकास में उनका योगदान बहुत महत्वपूर्ण है। उनके लिए काम करने वाले व्यक्तित्वों का सम्मान, नई पीढ़ी को भी प्रेरित करेगा। इस वर्ष पद्म पुरस्कारों की गूँज उन इलाकों में भी सुनाई दे रही है, जो नक्सल प्रभावित हुआ करते थे। अपने प्रयासों से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में गुमराह युवकों को सही राह दिखाने वालों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। इसके लिए कांकेर में लकड़ी पर नक्काशी करने वाले अजय कुमार मंडावी और गढ़चिरौली के प्रसिद्द झाडीपट्टी रंगभूमि से जुड़े परशुराम कोमाजी खुणे को भी ये सम्मान मिला है। इसी प्रकार नॉर्थ-ईस्ट में अपनी संस्कृति के संरक्षण में जुटे रामकुईवांगबे निउमे, बिक्रम बहादुर जमातिया और करमा वांगचु को भी सम्मानित किया गया है। 
श्री बजाज ने कहा कि मन की बात के माध्यम से छत्तीसगढ़ के अनेक प्रसंग पूरे देश में चर्चित भी हुए और प्रेरणा भी बने. यह छत्तीसगढ़ के लिए गौरव करने वाली बात है. उन्होंने छत्तीसगढ़ की जनता से अपील की कि 30 अप्रेल को सुबह 11 बजे पूरे उत्साह के साथ 100 वें एपिसोड का अवश्य श्रवण करे.

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