बता दे की स्वास्थ्य और मानव सेवा सचिव जेवियर बेसेरा ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी. बता दें कि दुनिया में मंकीपॉक्स का जबरदस्त कहर है. यह खतरनाक बीमारी अब तक 75 से अधिक देशों में फैल चुका है. दुनिया में इसके करीब 20 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. वहीं, अफ्रीकी देशों में इस बीमारी से करीब 75 लोगों की मौत हो चुकी है.
बता दें कि बीते दिनों विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स को लेकर ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा की थी. बता दें कि इससे पहले, WHO ने पोलियो, कोरोना, इबोला, जीका वायरस के लिए आपात स्थिति की घोषणा की थी. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, दुनिया भर में अब तक मंकीपॉक्स के करीब 26000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं.
न्यूयॉर्क में सबसे अधिक मामले
बता दें कि मंकीपॉक्स के सबसे अधिक मामले न्यूयॉर्क में हैं. पिछले हफ्ते यहां मंकीपॉक्स को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया गया था. इसके बाद कैलिफोर्निया और इलिनोइस ने इस खतरनाक बीमारी को हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया.
वैक्सीन को लेकर बाइडेन सरकार की आलोचना
बता दें कि बाइडेन प्रशासन मंकीपॉक्स के टीके की उपलब्धता को लेकर आलोचनाओं का सामना कर चुका है. न्यूयॉर्क और सान फ्रांसिस्को जैसे बड़े शहरों में क्लीनिकों का कहना है कि मांग को पूरा करने के लिए उन्हें दो खुराक वाले टीके की पर्याप्त मात्रा नहीं मिली है. कुछ को तो पहली खुराक की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए दूसरी खुराक देना बंद करना पड़ा.
विशेषज्ञों के मुताबिक, पश्चिमी और मध्य अफ्रीका के कई हिस्सों में मंकीपॉक्स दशकों से मौजूद है लेकिन यूरोप, उत्तर अमेरिका और अन्य जगहों पर कम से कम मई से समलैंगिक और बाइसेक्सुअल लोगों में यह बीमारी फैली है.