दिल्ली। भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज कहा, “मैं आज सबसे पहले भारतीय सेना के पराक्रम को नमन करता हूं। विश्व स्तर पर एक नया मानदंड स्थापित किया गया है। शांति के भाव को बनाए रखते हुए, आतंकवाद पर सटीक प्रहार करना हमारा उद्देश्य रहा है। पहली बार, अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार जाकर जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों पर सटीक प्रहार किया गया — और दुनिया में किसी ने प्रमाण नहीं मांगा। पूरी दुनिया ने भारत की शक्ति को देखा। भारत ने एक सशक्त संदेश दिया है — अब एक बड़ा बदलाव आया है। आतंकवाद अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, क्योंकि यह किसी एक देश का नहीं, पूरी दुनिया का विषय है।”
जयपुर में भैरों सिंह शेखावत स्मृति पुस्तकालय का उद्घाटन करते हुए श्री धनखड़ ने कहा, “भारत ने केवल सैन्य मोर्चे पर नहीं, प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक बड़ी कूटनीतिक लड़ाई भी लड़ी है और उसे जीत भी लिया है। सिंधु जल संधि को रोका गया। देश और दुनिया को यह संदेश दिया गया — जब तक भारत के दृष्टिकोण से हालात सामान्य नहीं होते, तब तक पुनर्विचार नहीं होगा। यह एक ऐसा ऐतिहासिक कदम था, जिसकी पहले न तो कल्पना की गई थी, और न ही उस पर विचार हुआ था।”