रायपुर. आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के भूगोल अध्ययनशाला में जनजातियों पर केंद्रित एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसके मुख्य अतिथि सह वक्ता विशेष पिछड़ी जनजाति बिरहोर के उत्थान पर कार्य करने हेतु राज्य सरकार द्वारा शहीद वीर नारायण सिंह सम्मान से सम्मानित जागेश्वर राम थे. सर्व प्रथम विभागाध्यक्ष डॉ. उमा गोले द्वारा मुख्य अतिथि का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया. उन्होंने उपस्थित शोधार्थियों एवं छात्रों को संबोधित करते हुए कहा की विशेष पिछड़ी जनजाति बिरहोर पर और अधिक कार्य किए जाने की आवश्यकता है जिसके तहत मुख्य कार्य उनकी वास्तविक जनसंख्या का पता लगाना हैं वर्तमान परिदृश्य में बिरहोर जनजाति के बच्चे शिक्षा तथा खेल से जुड़ने लगें है लेकिन उनकी संख्या अब भी बहुत कम है. विशेष पिछड़ी जनजाति बिरहोर का जाति सत्यापन ग्रामसभा के अनुमोदन पर करना प्रारंभ किया गया है जिससे उन्हे शासन की योजनाओं का लाभ मिल सके. उन्होंने आगे बताया कि मेरे द्वारा बिरहोर जनजाति पर 1980 से लगातार कार्य किया जा रहा है जो वर्तमान में भी जारी है. बिरहोर जनजाति के उत्थान के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य एवं स्थाई निवास की तीन आवश्यकताओं पर उन्होने विशेष बल दिया जो उन्हे मुख्य धारा से जोड़ने के लिए जरूरी है.
इस कार्यक्रम में अतिथि सहायक प्राध्यापक डॉ. शिवेंद्र बहादुर, शिवशंकर मैती एवं शोध छात्र शिवनाथ एक्का, लोकेश पटेल, ज्योति साहू, अशुनता खालको, भाग्यप्रभा, सोमेन्द्र मण्डल, एम.ए./एम.एस.सी. प्रथम तथा तृतीय सेमेस्टर के छात्र-छात्राएँ एवं विभाग के कर्मचारी उपस्थित थे.