Home त्यौहार राजिम :आजादी का निर्याणक आंदोलन “अगस्त क्रांति”

राजिम :आजादी का निर्याणक आंदोलन “अगस्त क्रांति”

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राजिम। शासकीय राजीव लोचन स्नातकोत्तर महाविद्यालय,राजिम में आजादी का अमृत महोत्सव व महाविद्यालय के स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर एन एस एस व एन सी आर के कैडेट्स व स्वयंसेवकों ने मिलकर आज अगस्त क्रांति दिवस पर स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद किया। इस कड़ी में हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत स्वयंसेवकों ने आओ जाने ध्वजारोहण कैसे करें जिसमें भारत सरकार के द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देश को पोस्टर में उल्लेखित कर महाविद्यालय के सूचना पटल पर प्रसारित किया इसका उद्देश्य है कि आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में स्वतंत्रता दिवस के दिन हर घर पर तिरंगा फहराया जाना है जिसमें हमें तिरंगा फहराने के साथ ही हमें अपने राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान को भी ध्यान रखना है क्योंकि किसी भी कीमत पर ध्वज के सम्मान को ठेस न पहुंचे। इसी कड़ी में महाविद्यालय के पी जी डी सी विभाग में अगस्त क्रांति दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें सर्वप्रथम संस्था प्रमुख डॉ सोनिता सत्संगी ने इस दिवस की सार्थकता पर प्रकाश डालते हुए बतलाया कि अगस्त का महिना भारतीयों के लिए विशेष महत्व रखता है क्योंकि इसी माह में हमें आजादी मिली थी और हम सभी जानते हैं कि कितने लम्बे संघर्षो व कुर्बानियों के बाद हमें यह आजादी मिली है इसे भारतीयों को सदैव स्मरण रखना चाहिए।
इसी कड़ी में एन एस एस स्वयंसेवक कमलनारायण ने ध्वजारोहण की संहिता पर प्रकाश डाला वहीं एन सी सी की गुनिता साहू ने क्रांतिकारियों के बलिदान को स्मरण करते हुए उन्हें नमन किया और कहा कि राष्ट्र के सम्मान की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए।
इस कड़ी में आगे विचार प्रस्तुत करते हुए नैक प्रभारी डॉ गोवर्धन यदु ने कहा कि भारत की आजादी के लिए किया गया सशक्त निर्णायक विद्रोह अगस्त क्रांति ही था। द्वितीय विश्व युद्ध में अंग्रेजों को भारतीयों की मदद की जरूरत थी। भारतीय स्वतंत्रता के नायक गांधी जी ने अगस्त क्रांति के रूप में देश की जनता को एकजुट करते हुए स्वतंत्रता प्राप्ति हेतु बहुमूल्य प्रयास किया था। अंग्रेजों भारत छोड़ो के नारे के साथ स्वतंत्रता सेनानी अंग्रेजी हुकूमत पर हल्ला बोलते हुए देश की एकता अखंडता को सुदृढ़ करने का कार्य कर रहे थे।
प्रो एम एल वर्मा ने बतलाया कि भारतीय इतिहास में अगस्त क्रांति का योगदान अविस्मरणीय व उल्लेखनीय था। भारतीयों ने अंग्रेजी शासन के खिलाफ लामबंद होकर गजब का उत्साह दिखाया था। अंग्रेजों के द्वारा किए गए दमनकारी कार्यों के पूरा देश विद्रोह की स्थिति में था। भारतीयों के मन की दृढ़ इच्छाशक्ति और सर्वश्रेष्ठ नेतृत्व के कारण अंग्रेजों को अपना सिंहासन डोलता हुआ दिखाई दे रहा था। कार्यक्रम का संचालन डॉ समीक्षा चंद्राकर ने किया व आभार प्रदर्शन प्रो आलोक हिरवानी ने किया कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रो नेहा सेन व हूमन लोकेश्वर,किशोर,दीलीप, निखिल आदि उपस्थित रहे।

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