नवापारा राजिम – स्थानीय श्वेतांबर जैन मंदीर प्रांगण में चातुर्मासार्थ विराजित महतरा पद विभूषिता सहेय मनोहर श्रीजी मसा की सुशिष्याओं पू0 सुभद्रा श्रीजी, पू० शुभंकरा श्रीजी मसा पू0 ज्ञानोदया श्रीजी मसा की सानिध्यता में देवेन्द्र कोठारी (सुपुत्र उगम राज मंजू देवी कोठारी) के 30 उपवास की तपस्या के प्रसंग पर अनुमोदना स्वरूप तप अनुमोदना का कायर्क्रम आयोजित किया गया। इस पावन प्रसंग पर स्थानीय दिगम्बर जैन भवन में विराजमान आचार्य श्रीसिद्धांत सागरजी महाराज की सुशिष्या105 गणिनी आयिर्कापू.सौभाग्यमती माताजी, 105.पू. शिक्षामति माताजी एवं 105 श्रीसंक्षेपमति माताजी का भी संसंघ मंगल पदापर्ण से नवापारा राजिम में एक स्वणिर्म अध्याय का शुभारंभ हुआ. श्वेताम्बर जैन मंदिर से संघ के गणमान्य सदस्य एव महिलाएं मंगल कलश लेकर माता की त्रय की अगुवानी में पहुंची। ढोल बाजे के साथ माताजी श्वेताम्बर जैन मंदिर पहुंची. सारा मंदिर परिसर जय जयकारों से गुंज उठा। इसके पश्चात समारोह का शुभारंभ हुआ.
त्रिवेणी संगम तट की धरा और भी धन्य हो गई… साध्वी सुभद्रा श्रीजी
इस प्रसंग पर पू0 सुभद्रा श्रीजी मसा ने अपनी बात कही। त्रिवेणी संगम तट की घरा नयापारा राजिम की धरा और भी धन्य हो गई। इस भूमि से खतरगच्छ आचायर् जिनपीयूषसागरजी, प्रज्ञानिधी प्रियंकरा श्रीजी एवं नूतन दीक्षित पू0 प्रवज्या श्रीजी मसा जिनशासन में दीक्षित होकर नगर का गौरव बढ़ा रहे है और इस वषर् त्रिवेणी साध्वियंा श्वेताम्बर जैन मंदिर एवं त्रिवेणी माताजी दिगम्बर जैन भवन में चातुमासार्थ विराजित है। देवेन्द्रजी कोठारी के 30 उपवास के उपलक्ष में हम एक मंच पर उपस्थित है यह सब उनकी तपस्या के निमित्त है।
विधी अलग पर लक्ष्य एक- शुभंकरा श्रीजी
इस प्रसंग पर नवकार जपेश्वरी शुभंकरा श्रीजी ने कहा कि हम दिगम्बर श्वेताम्बर जरूर है पर हमारा लक्ष्य एक है वह है मोक्ष। आपने सिद्धांत, सौभाग्य, शिक्षा, संक्षेप सभी का भावार्थ बताते हुए सबकी उपस्थिती को सौभाग्य बताया और संघ समाज की एकता को बल दिया।
एकता का प्रतीक नवापारा राजीम नगरी …. सौभाग्यमति माताजी
सौभाग्यमती माताजी ने कहा कि शांतिनाथ जैन मंदिर में पहली बार श्वेताम्बर साध्वियों के दशर्न का अवसर मिला, आँखे चार हुई, दोनों हाथ करबध्द हो गए साथ ही शरीर के 6 करोड़ रोम के रोंगटे खड़े हो गए. बरसात आती है तो प्रकृति खिल जाती है चहुं ओर हरियाली एवं खुशनुमा वातावरण बनता है। वैसे ही जहां जहां पर संत के चरण पड़ते है वहां वहां सभ्यता संस्कृति खिल उठती है। इस बार तो नवापारा राजिम नगरी का भाग्य ही खुल गया है जहां पर श्वेताम्बर दिगंबर दोनो ही समाजों को वषार्योग का अनुपम अवसर प्राप्त हुआ है। इसके पहले भी मैं सुन चुकीं हूं कि यहाँ का जैन समाज संगठित है. दोनो समाज एक है यह एक अदभूत मिसाल है। आज तो मैंने इसका साक्षात्कार भी कर लिया। तपस्वी देवेन्द्रभाई ने 30 उपवास की कड़ी तपस्या की है और इस प्रसंग पर उनके पिता उगमराज कोठारी की भावनानुसार सकल जैन समाज आज यहां पर इकट्ठा हुआ है, यह एक अनुपम दृश्य है। इन हाथों की ऊंगलियाँ अलग अलग है परंतु जब मुट्ठी बांधते है तो सब एक साथ हो जाते है और मुट्ठी में ताकत होती है। विचार धारा है परंतु लक्ष्य एक है। आगे चलकर और विभाजन नये हम शांकाहारी जैन एवं मांसाहारी जैन न कहलाएं। जैसे नारी के बाल बिखरे हो तो वह बदसूरत दिखती है और अगर बाल व्यवस्थित संवरे हो तो मनभावन लगती है वैसे ही हमें एकजुट होकर रहना है। भगवान महावीर ने 12 वर्ष की अखंड साधना से केवल्यज्ञान पाया है। वैसे देवेन्द्र जी के 30 उपवास की तपस्या के बदले सकल जैन समाज को एक होने का अवसर आया.
दोनो समाजों ने किया आत्मीय स्वागत
इसके पश्चात खेताम्बर जैन श्रीसंघ के प्रमुख ऋषभचंद बोथरा संतोष बोथरा, राजीव भंसाली, देवराज सांखला, गौतम पारख सुरेश टाटिया, लाल बंद बंगानी अजय कोचर आदि सदस्यों ने श्श्वेताम्बर जैन श्रीसंघ की तरफ से तपस्वी देवेद्र कोठारी का तिलक दुपट्टा श्रीफल माला पहनाकर स्वागत किया। समपिर्त किए गए बहुमान पत्र का पठन अभिषेक दुग्गड़ ने किया। इसके पश्चात दिगंबर जैन पंचायत के अध्यक्ष किशोर सिंघई,सचिव अखिलेश नाहर, रमेश पहाड़िया सुरित जैन, संजय सिंघई, डा. राजेन्द्र गदिया, पं.ऋषभचंद शास्त्री आदि ने तपस्वी भाई का अभिनंदन किया। समपिर्त बहुमान पत्र का वाचन डा० राजेन्द्र गदिया ने किया। प्रसंग पर पधारे दिगम्बर जैन पंचायत के सदस्यों का बहुमान श्वेताम्बर जैन श्रीसंघ के सदस्यों ने किया एवं आत्मीय आभार व्यक्त किया गया. तपस्वी देवेन्द्र कोठारी का अहर्म बहुमंडल महिला मंडल एवं आंगतुक अतिथियों ने गीत प्रस्तुत कर तप की अनुमोदना की। सकल जैन समाज एवं आंगतुक अतिथियों का स्वामी वात्सल्य न्यू जैन भवन में उगमराज कोठारी द्वारा किया गया। तपस्या अनुमोदनार्थ प्रभु भक्ति का कायर्क्रम कोठारी निवास राजिम में किया गया। आज के संपूर्न कायर्क्रम का संचालन पायल पारख, मेघा बाफना एवं अभिषेक दुग्गड़ द्वारा किया गया। पूज्य मसा के मांगलिक से कायर्क्रम का समापन हुआ। उक्त जानकारी दिगंबर जैन पंचायत कमेटी के अध्यक्ष किशोर सिंघई ने दी।