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भर्ष्टाचार का भेट चढ़ा ट्विन टावर, 12 सेकंड में 300 करोड़ जमीनदोज…

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बता दे की नोएडा के सेक्टर 93 में बने सुपरटेक के अवैध ट्विन टावर दोपहर ढाई बजे ढहा दिए गए। 100 मीटर से ज्यादा ऊंचाई वाले दोनों टावर गिरने में सिर्फ 12 सेकेंड का वक्त लगा। ब्लास्ट से पहले करीब 7 हजार लोगों को एक्सप्लोजन जोन से हटाया गया। सबसे पहले देखिए ट्विन टावर गिरते वक्त नजारा कैसा था…

टावर गिरने के बाद प्रशासन के क्लियरेंस तक 5 रास्तों पर ट्रैफिक की आवाजाही रुकी रहेगी। यहां नोएडा पुलिस के 560 से ज्यादा जवान मुस्तैद हैं। इमरजेंसी के लिए एंबुलेंस भी तैनात की गई थी। ब्लास्ट के बाद इलाके में पॉल्यूशन लेवल मॉनिटर करने के लिए स्पेशल डस्ट मशीन लगाई गई हैं।

आसपास की इमारतों को नुकसान नहीं पहुंचा
ट्विन टावर को गिराने के लिए विस्फोट की जिस तकनीक का इस्तेमाल किया गया, उसकी खासियत यही रही कि आसपास की किसी इमारत को नुकसान नहीं पहुंचा। घनी आबादी के बीचोंबीच बने दोनों टावर अपनी जगह पर जमींदोज हो गए और केवल धूल का गुबार ही नजदीकी इमारतों तक पहुंचा।

ब्लास्ट से पहले ट्विन टावर के पास की दो सोसायटी में गैस और बिजली सप्लाई बंद कर दी गई थी।
नोएडा पुलिस ने एहतियातन ग्रीन कॉरिडोर बनाए थे। 6 अस्पताल स्टैंडबाई रखे गए थे।
दोपहर 2.15 बजे एक्सप्रेस-वे को बंद किया गया। प्रशासन की सलाह पर ही इसे खोला जाएगा।
एक्स्प्रेस वे के अलावा 5 और रूट बंद किए गए हैं। धूल हटने के बाद ही इन्हें खोला जाएगा।
ट्रैफिक डायवर्जन के लिए नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर 99710 09001 जारी किया है।

10 मंजिल की इजाजत, 40 मंजिल के दो नए टावर बना दिए
2004 में नोएडा अथॉरिटी ने सुपरटेक को हाउसिंग सोसाइटी बनाने के लिए प्लॉट अलॉट किया था। 2005 में बिल्डिंग प्लान मंजूर हुआ। इसमें 10 मंजिल के 14 टावर बनाने की इजाजत थी। 2006 में सुपरटेक ने प्लान में बदलाव कर 11 मंजिल के 15 टावर बना लिए। नवंबर 2009 में प्लान फिर बदलकर 24 मंजिल के दो टावर शामिल कर लिए गए। मार्च 2012 में 24 मंजिल को बढ़ाकर 40 कर लिया। जब रोक लगी, तब तक इनमें 633 फ्लैट बुक हो चुके थे।

2. हाई कोर्ट ने 8 साल पहले ट्विन टावर गिराने का आदेश दिया
टावर से सटी एमरेल्ड गोल्ड सोसाइटी के रेसिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन प्रेसिडेंट उदयभान सिंह तेवतिया ट्विन टावर का मामला कोर्ट में ले गए थे। उन्होंने 2012 में अवैध निर्माण के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी। हाई कोर्ट ने 2014 में ट्विन टावर को अवैध घोषित कर गिराने का आदेश दिया। कहा कि जिन लोगों ने यहां फ्लैट बुक किए हैं, उन्हें 14% ब्याज के साथ उनका पैसा लौटाया जाए।

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