नवापारा राजिम संस्कृत में अपने कैरियर को लेकर विद्यार्थियों को किंचित मात्र भी चिंतित नहीं होना चाहिए, संगठित व असंगठित दोनों ही क्षेत्रों में संस्कृत में रोजगार पाने की अपार संभावनाएं हैं , उक्त विचार डॉक्टर अनमोल शर्मा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए उन्होंने बताया कि संस्कृत के द्वारा आप एक शिक्षक, प्राध्यापक, धर्मगुरु, राजभाषा अधिकारी,भाषा अनुवादक के रूप में कैरियर बना सकते हैं, आई ए एस , आई पी एस जैसे प्रशासनिक क्षेत्रों में जा सकते हैं, आप एक अच्छे लेखक, साहित्यकार, संपादक, कर्मकाण्ड, ज्योतिष, हस्तरेखा, वास्तु एवम भागवत कथाकार भी बन सकते हैं, विदित हो कि डॉक्टर अनमोल शर्मा , नईदिल्ली के शासकीय लालबहादुर शास्त्री संस्कृत केंद्रीय विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक के रूप में पदस्थ हैं, आप रायपुर के शासकीय दुधाधारी स्नातकोत्तर संस्कृत महाविद्यालय में एक संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित हुए, यह आयोजन महाविद्यालय के आई क्यू ए सी के तत्वावधान में कैरियर कौंसिलिग समिति के द्वारा किया गया, कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉक्टर राधा पाण्डेय प्राचार्य ने की, एवम सारस्वत अतिथि के रूप में डॉक्टर सीमा शुक्ला उपस्थित रहीं इस अवसर पर डॉक्टर राघवेन्द्र शर्मा, डॉक्टर राजीव तिवारी, संतोष शर्मा, ब्रह्मदत्त शर्मा सहित समस्त महाविद्यालयीन स्टाफ एवम विद्यार्थी गण उपस्थित रहे,आभार प्रदर्शन डॉक्टर हेमन्त शर्मा द्वारा किया गया।
विदित हो कि अनमोल शर्मा नगर के पंडित ब्रह्मदत्त शर्मा के सुपुत्र हैं, उनकी इस उपलब्धि पर डॉक्टर रमाकांत शर्मा , डॉक्टर राजेंद्र गदिया, मनमोहन अग्रवाल, रमेश पहाड़िया, डॉक्टर टी एन रमेश, भागचंद बंगानी, प्रोफेसर पवन अग्रवाल, विजय गोयल, गिरधारी अग्रवाल, तुकाराम कंसारी ,विशेषर हिरवानी डॉ लीला राम साहू, नागेंद्र निषाद ने हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्हें अपनी शुभकामनाएं दी है।