Home त्यौहार धनतेरस में इस तरह से करें पूजा, माता लक्ष्मी होगी प्रसन्न, घर...

धनतेरस में इस तरह से करें पूजा, माता लक्ष्मी होगी प्रसन्न, घर में होगी धन की वर्षा…

70
0

Dhanteras 2022 : कार्तिक माह की अमावस्या को दीपावली का त्योहार मनाया जाता है. इस साल दीपावली 24 अक्टूबर सोमवार को है. धनतेरस दिवाली के दो दिन पहले त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है. इस दिन भगवान धन कुबेर, धनवंतरी और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान बताया गया है. पुराणों में लिखा है कि इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजा करने से आर्थिक संपन्नता बढ़ती है और धन लाभ होता है. आज धनतेरस पर पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, सावधानियां और महत्व क्या है? इस बारे में भी जान लीजिए. पुराणों के अनुसार भगवान धन्वंतरि देवी लक्ष्मी के हाथ में अमृत कलश लिए हुए समुद्र मंथन से उत्पन्न हुए थे। इसलिए इसे धन्वंतरि जयंती के नाम से भी जाना जाता है। यही कारण है दीपावली के पहले, यानी धनतेरस से ही दिवाली का आरंभ हो जाता है। धनतेरस के दिन श्री गणेश, धन के देवता कुबेर, औषधि के देवता धन्वंतरि तथा सुख, समृद्धि तथा वैभव की देवी महालक्ष्मी की पूजा विधि विधान से एक साथ की जाती है। आइए जानते हैं कि धनतेरस पर गणेश-लक्ष्मी के अलावा और किन देवताओं का पूजन विधि और पूजन मंत्र क्या है।

पूजा का शुभ मुहूर्त

“धनतेरस को धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन देवताओं के वैद्य भगवान धनवंतरी की जयंती भी मनाई जाती है. धनतेरस पर त्रयोदशी तिथि के प्रदोष काल में मां लक्ष्मी की पूजा करना लाभकारी माना गया है. इस साल त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त आज यानी 22 अक्टूबर 2022 को है. त्रयोदशी तिथि आज 22 अक्टूबर शनिवार को शाम 6 बजकर 2 मिनट से हो रही है जो अगले दिन 23 अक्टूबर की शाम 6 बजकर 3 मिनट तक रहेगी इसलिए 22-23 अक्टूबर दोनों दिन धनतेरस मानी जा रही है. आज 22 अक्टूबर को धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 7 बजकर 1 मिनट से शुरू होकर रात्रि 8 बजकर 17 मिनट तक रहेगा. धनतेरस पर त्रिपुष्कर योग भी बन रहा है. धनतेरस पर त्रिपुष्कर योग अपराह्न 1 बजकर 50 मिनट से सायंकाल 6 बजकर 2 मिनट तक रहेगा. इस योग में किए गए कार्यों में सफलता हासिल होने के साथ तीन गुना फल प्राप्त होता है.”

महालक्ष्मी पूजन के बिना अधूरी है धनतेरस की पूजा

महालक्ष्मी का पूजन धनतेरस के दिन प्रदोष काल में ही किया

जाता है। पूजन विधि इस प्रकार है

माता लक्ष्मी की पूजा शुरू करने से पूर्व एक चौकी पर एक लाल

रंग का वस्त्र बिछाकर उसमें मुट्ठी भर अनाज रख लें।

इसके बाद कलश में गंगाजल रखें। इसके साथ ही सुपारी, फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने और अनाज भी इस कलश के ऊपर रखें। इसके बाद लक्ष्मी जी की प्रतिमा का पंचामृत (दूध, दही, घी, मक्खन और शहद का मिश्रण) से स्नान कराएं। अंत में सफलता, समृद्धि, खुशी और कल्याण की कामना करें।

फिर जल से स्नान कराकर माता लक्ष्मी को चंदन लगाएं, इत्र, सिंदूर, हल्दी, गुलाल आदि अर्पित करें।

अंत में सफलता, समृद्धि, खुशी और कल्याण की कामना करें।
अब नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलाल ये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नमः

धनतेरस पर क्या खरीदें

श्रीगणेश और लक्ष्मी की चांदी या मिट्टी की मूर्तियां । मूर्ति की जगह चांदी का सिक्का भी खरीद सकते हैं जिस पर गणेश लक्ष्मी चित्रित हों। इन पर केसर का तिलक करके पूजन करें और लाल या पीले कपड़े पर रख दें। दीपावली पूजन में भी इन सिक्कों या मूर्तियों का पूजन करें और फिर इन्हें अपनी तिजोरी में रख दें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here