दिल्ली। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ ऐसे व्यक्तियों ने भी ले लिया जिनके पास भूमि ही नहीं है और ऐसे लोगों को भी मिल गया है जो अब इस दुनिया में ही नहीं हैं। जिले में हुए सत्यापन में 15063 किसान ऐसे मिले हैं जिनकी मौत हो चुकी है और उनके खाते में धनराशि हस्तांतरित होती रही। भूमिहीन होकर भी सम्मान निधि का लाभ लेने वालों की कमी नहीं रही। भूमिहीन होकर भी सरकार को चूना लगाने वाले किसानों की संख्या 12325 है। मृतक और भूमिहीन किसानों के नाम सूची से हटाते हुए 12वीं किस्त का भुगतान रोक दिया गया है।
14 अक्तूबर तक हुए जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों के सत्यापन की रिपोर्ट के मुताबिक अब तक हुए 380797 लाभार्थियों के सत्यापन में मृतक लाभार्थियों की संख्या 15063 मिली है। इन्हें परलोक जाने के बाद भी निधि का सम्मान मिल रहा था। बिना कृषि जमीन वाले और जमीन बेचने वालों को भी योजना का लाभ मिलता रहा। भूमिहीन होकर भी लाभ लेने वाले 12325 लाभार्थी सामने आए हैं। इसके अलावा कुछ व्यक्ति ऐसे भी पाए गए हैं जिनके आवेदन पत्रों में दर्ज कराए गए पते ही नहीं मिल रहे हैं। इनके मोबाइल नंबर भी फर्जी पाए गए हैं।
कई लाभार्थी तो सरकारी सेवा में कार्यरत पाए गए हैं और कुछ सरकारी पेंशनधारक मिले हैं। मानकों के विपरीत पति-पत्नी एक साथ योजना का लाभ लेते हुए मिले हैं। मृतक लाभार्थी के मामले में सर्वाधिक नौगढ़ तहसील में 3463 रही जबकि भूमिहीनों के मामले में इटवा के 3815 लाभार्थी शामिल रहे। कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक पीएम सम्मान निधि के पात्र किसान अपना ई-केवाईसी से आवश्यक करा लें। जिस किसानों के बैंक खातों में ई-केवाईसी नहीं होगा। उन्हें सम्मान निधि की अगली किस्त जारी नहीं होगी।
प्राय: देखने में आ रहा है कि किसानों की जमीन किसी गांव में ओर वह निवास किसी अन्य ग्राम में कर रहे है। ऐसे किसानों की भूमि सत्यापित नहीं हो पा रही है। ऐसे में संबंधित लेखपाल से संपर्क कर भूमि का सत्यापन करा लें।