मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार शाम साइंस कॉलेज मैदान पहुंचकर राज्योत्सव और राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव की तैयारियां देखीं। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री वहां हो रही व्यवस्था की जानकारी दी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, राज्योत्सव के साथ ही एक नवम्बर को राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव भी शुरू हो जाएगा। तीन दिन के इस महोत्सव से देश-दुनिया छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा को देखेगी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, छत्तीसगढ़ में 41 जनजातियां रहती हैं। उनकी अपनी बोली, संस्कृति और परंपरा है। उनके साथ-साथ देश-दुनिया की आदिवासी संस्कृति का यहां संगम होगा। विदेशों की भी टीमें आ रही हैं। सभी लोग अपनी संस्कृति दिखाएंगे। ऐसे में देश-दुनिया की जनजातीय संस्कृति को जानने-समझने का मौका मिलेगा। वहीं छत्तीसगढ़ के आदिवासियों की गौरवशाली परंपरा और संस्कृति को देश और दुनिया जाने इसके लिए यह आयोजन है। मुख्यमंत्री ने बताया, यह डांस फेस्टिवल तीन दिन तक चलना है। उसमें सभी सरकारी विभागों के स्टाल भी लग रहे हैं। अगले तीन दिन में यह पूरा पांडाल बनकर तैयार हो जाएगा। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के लिए सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों सहित 09 देशों के 1500 आदिवासी कलाकार अपनी प्रस्तुति देने के लिए छत्तीसगढ़ आ रहे हैं।
भाजपा के आरोपों का जवाब भी दिया
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विपक्ष की ओर से आदिवासी नृत्य महोत्सव आयोजन की आलोचना का जवाब भी दिया है। उन्होंने कहा, उनको 15 साल मौका मिला, उनको जो समझ में आया उन्होंने किया। पूरे बस्तर के आदिवासियों को तो वे नक्सली समझते थे। उनके सीने पर गोलियां भी चलाते थे और जेल के अंदर भी रखते थे। यह उनका दृष्टिकोण था। हमारा दृष्टिकोण उससे अलग है।
28 राज्यों और 9 देशों के कलाकार आएंगे
अधिकारियों ने बताया, इस साल देश के 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कलाकार आने वाले हैं। उनके अलावा मोजांबिक, मंगोलिया, न्यूजीलैंड, सर्बिया, टोंगो, मालदीव, रूस, इंडोनेशिया और इजिप्ट ने इस महोत्सव में शामिल होने की सहमति भेजी है। 2021 के आदिवासी नृत्य महोत्सव में सात देशों के कलाकार आये थे। 2019 में आयोजित पहले राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में पांच देशों के सांस्कृतिक प्रतिनिधि शामिल हुए थे।
20 लाख रुपयों तक के नकद पुरस्कार
अधिकारियों ने बताया, इस बार आदिवासी नृत्य महोत्सव में दो थीम रखी गई है। पहली थीम है फसल कटाई पर होने वाले आदिवासी नृत्य और दूसरी थीम है आदिवासी परम्पराएं और रीति-रिवाज। विजेताओं को कुल 20 लाख रुपए के पुरस्कारों का वितरण किया जाएगा। प्रथम स्थान के लिए पांच लाख रुपए, द्वितीय स्थान के लिए तीन लाख रुपए और तृतीय स्थान के लिए दो लाख रुपए के पुरस्कार दिए जाएंगे।
कार्यक्रम की जिम्मेदारी डीईओ व एसी ट्राइबल को
सीईओ ने डीईओ, सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग और खेल अधिकारी को सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करने के संबंध में जिम्मेदारी दी है। कार्यपालन अभियंता, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी को पेयजल व्यवस्था, कार्यपालन अभियंता छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी मर्यादित को विद्युत व्यवस्था, कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग को मंच निर्माण, स्टाल व्यवस्था, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला व बाल विकास विभाग को मंच डेकोरेशन के दायित्व सौंपे गए।राज्योत्सव 1 नवंबर को मनाया जाएगा, इस संबंध में 25 अक्टूबर को बैठक हुई। बैठक में आयोजन की तैयारी के संबंध में चर्चा की गई। विभिन्न अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है।
राज्योत्सव का विरोध करेगा छत्तीसगढ़ आदिवासी समाज
इधर छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने राज्योत्सव और राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का विरोध करने का फैसला किया है। एक नवम्बर से तीन नवम्बर तक प्रस्तावित इस सरकारी आयोजन के विरोध में आदिवासी समाज के लोग सांसदों, विधायकों और मंत्रियों के घर के बाहर नगाड़ा बजाकर प्रदर्शन करने वाले हैं। आदिवासी समाज की नाराजगी 32% आरक्षण खत्म हो जाने की वजह से है।