नई दिल्ली। देश में लोग पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ रही कीमतों से परेशान हैं पर अब देश की वित्तमंत्री ने इसपर बड़ा बयान दिया है जो लोगों को राहत दे सकती है। वित्तमंत्री ने अपने बयान में कहा कि अब सरकार हर 15 दिन में पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर लगाए गए नए टैक्स की समीक्षा करेगी। यह समीक्षा अंतरराष्ट्रीय कीमतों को ध्यान में रखकर की जाएगी। इसी बीच ये खबर भी है कि महंगाई दर इस तिमाही RBI के अनुमानित लक्ष्य से ज्यादा ही है।
वित्त मंत्री का बयान
वित्त मंत्री सीतारमण ने संवाददाताओं बातचीत के दौरान कहा कि यह एक मुश्किल वक्त है और वैश्विक स्तर पर तेल कीमतें बेलगाम हो चुकी हैं। उन्होंने कहा, ‘हम निर्यात को हतोत्साहित नहीं करना चाहते लेकिन घरेलू स्तर पर उसकी उपलब्धता बढ़ाना चाहते हैं.’ अगर तेल उपलब्ध नहीं होगा और निर्यात अप्रत्याशित लाभ के साथ होता रहेगा तो उसमें से कम-से-कम कुछ हिस्सा अपने नागरिकों के लिए भी रखने की जरूरत होगी.’
पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन पर भी टैक्स
इससे पहले सरकार ने सरकार ने पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन के निर्यात पर कर लगाने की घोषणा भी की। आपको बता दें कि पेट्रोल और एटीएफ के निर्यात पर छह रुपये प्रति लीटर और डीजल के निर्यात पर 13 रुपये प्रति लीटर की दर से कर लगाया गया है। यह नया नियम एक जुलाई से प्रभाव में आ गया है।
स्थानीय स्तर पर उत्पादित तेल पर भी टैक्स
इसके साथ ही ब्रिटेन की तरह स्थानीय स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर भी कर लगाने की घोषणा की गई। घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर 23,250 रुपये प्रति टन का कर लगाया गया है। राजस्व सचिव तरूण बजाज ने कहा कि नया कर सेज इकाइयों पर भी लागू होगा लेकिन उनके निर्यात को लेकर पाबंदी नहीं होगी। इसके साथ ही रुपये की गिरावट पर वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक और सरकार स्थिति पर नजर रख रही है। सरकार आयात पर रुपये के मूल्य के असर को लेकर पूरी तरह सचेत है।