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चावलों को संचालकों द्वारा किया जा रहा था गायब, जांच चली तो छिपा दिए सारे डाटा…

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राशन दुकानों में 2017 में मई से दिसम्बर तक दिए गए अतिरिक्त दस प्रतिशत चावल को राशन दुकान संचालकों द्वारा गायब करने के मामले में बड़े-बड़े खुलासे हो रहे हैं। खाद्य संचालनालय के अधिकारियों ने जनभागीदारी सर्वर से सारे बचत के डाटा छिपा दिए हैं। केवल नवम्बर 2021 का घोषणा पत्र दिख रहा है।

पत्रिका को इस बात की जानकारी है कि नवम्बर 2021 से नवम्बर 2022 के हर माह में संचालनालय द्वारा पूरा आबंटन दिया गया है। इसका मतलब साफ़ है कि नवम्बर 2021 का चावल राशन दुकानों में बचा है। इसी मात्रा का भौतिक सत्यापन करने के लिए सभी खाद्य अधिकारियों की जिम्मेदारी भी निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। पत्रिका ने रायपुर जिले के . गोबरा नवापारा के 8 राशन दुकानों के बचत की जानकारी विभागीय वेबसाइट से निकाली है। गोबरा नवापारा 58 राशन दुकानों के लिए एक माह का चावल कोटा 3072 क्विंटल होता है। यहां के 8 राशन दुकानों में 5128 क्विंटल चावल घोषणा पत्र में दिख रहा है। 441003001 नवोदय प्राथमिक उप भंडार की राशन दुकान का एक माह का कोटा 516 क्विंटल चावल 1 इस राशन दुकान में 1638.02 क्विंटलगोबरा नवापारा की राशन

दुकानों में नवम्बर 2021 में भंडारण और बचत इस प्रकार है



सबके अपने-अपने तर्क

7 इसकी जानकारी नहीं है। दो साल 1 पहले जब ईओडब्ल्यू ने जांच की थी।
चावल बचत दिख रहा है। गोबरा नवापारा के कार्डधारकों का कहना है कि किसी भी राशन दुकान का गोदाम इतना बड़ा नही है कि 7 इतना चावल रखा जा सके। दुकानदारों का कहना है कि कम्प्यूटर न में कैसे चावल का बचत दिखता है तब 600 क्विंटल चावल कम मिला था। आनन फानन में विभाग के – अधिकारियों ने जांच कर खुद एफआईआर कराई थी। अब बड़ा घोटाला सामने आ रहा है तो मामले को दबाने के प्रयास हो रहे हैं।

लागतार जांच की जा रही है। ‘खाद्य निरीक्षकों से राशन दुकानों का सत्यापन कराया जा रहा है। जो सत्यापन की जानकारी नहीं रहे हैं उन पर कार्रवाई भी कर रहे हैं।

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